नई दिल्ली। बिहार में आरजेडी और कांग्रेस से महागठबंधन तोड़ बीजेपी का दामन थामन थाम बिहार के छठे सीएम के तौर पर शपथ ले चुके नीतीश कुमार ने बिहार में अधिकारियों को लेकर बड़ा फेरबदल किया है। नीतीश सरकार ने 28 आईएएस और 44 आईपीएस अफसरों का तबादला किया है। इसके तहत कई एसपी और कई डीएम को भी बदला गया है। खबर है कि ये फेरबदल पहले ही कर दिया जाता लेकिन महागठबंधन में लालू की वजह से इसे रोका हुआ था। लेकिन अब नीतीश कुमार ने पहले प्रहार में इसी काम को अंजाम दिया। नीतीश ने कड़ा रूख अपनाने वाले आईएएस के.के. पाठक को बालू और मिट्टी माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। चंचल कुमार को भवन निर्माण विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया है और आतिश चन्द्रा को सूचना एवं जनसंपर्क विभाग का प्रभार दिया गया है। दोनों आईएएस मुख्यमंत्री के सचिव हैं।
वहीं लालू के आरोपों का जवाब देने के लिए और उनपर पलटवार करने के लिए नीतीश ने बीते सोमवार प्रेस कांफ्रेंस की जिसमें उन्होंने लालू के आरापों को जवाब देते हुए उनपर पलट वार किया और बदले में लालू पर आरोप लगाए। जिसको लेकर मंगलवार को लालू एक प्रेस कांफ्रेंस कर सकते हैं और नीतीश के आरोपों का जवाब दे सकते हैं। कल आरजेडी ने पुराने हत्या के मामले में एक रिपोर्ट दिखाते हुए नीतीश पर निशाना साधा था। जिसके जवाब में नीतीश ने भी लालू के आरोपों का चुन-चुनकर जवाब दिया।
बता दें कि इस प्रेस कांफ्रेंस में वे बिहार के सीएम नीतीश कुमार द्वारा लगाए गए सभी आरोपों का जवाब देंगे। कल नीतीश कुमार ने कहा था कि लालू यादव जन नेता नहीं हैं, वो जाति के नेता हैं। मेरा विश्वास कास्ट बेस में नहीं मास बेस में हैं। लालू यादव को जातिवादी नेता बताने के साथ नीतीश कुमार ने दावा किया कि वो अपने भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए धर्मनिरपेक्षता का राग अलापते हैं।