नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना दूसरा बजट पेश किया। इस दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी की अगुआई में सबका साथ, साथ विश्वास प्रोग्राम को बेहतर ढंग से लागू किया गया है। वस्तु एवं सेवा कर के मोर्चे पर वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि GST से देश आर्थिक रूप से एकीकृत हुआ, इंस्पेक्टर राज खत्म हुआ। 1 अप्रैल 2020 से सरलीकृत नई विवरणी प्रणाली शुरू की जाएगी।
हालांकि, उन्होंने कहा कि 1 जुलाई 2017 को लागू किए जाने के बाद से जीएसटी के सामने कुछ दिक्कतें आईं, लेकिन जीएसटी काउंसिल इन्हें दूर करने में सक्रिय रहा। पिछले दो साल में 16 लाख अधिक टैक्सपेयर्स को जोड़ा गया। वित्त मंत्री ने बताया कि जीएसटी एक ऐतिहासिक फैसला है। इस दौरान उन्होंने जीएसटी लागू करने वाले पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली को भी याद किया।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार का फोकस स्ट्रक्चरल ग्रोथ पर है। जीएसटी लागू होने के बाद औपचारीकरण को बढ़ावा मिला है, लॉजिस्टिक्स को लेकर दक्षता बढ़ी है। जीएसटी की वजह से ही हाउसहोल्ड्स के मासिक खर्च में 4 फीसदी की बचत हो रही है। बता दें कि बजट से ठीक एक दिन पहले जनवरी 2020 का जीएसटी कलेक्शन का आंकड़ा सामने आया था। जनवरी महीने में GST कलेक्शन 1.1 लाख करोड़ रुपये रहा। जुलाई 2017 में GST लागू होने के बाद यह लगातार तीसरी बार है कि मंथली रेवेन्यू एक लाख करोड़ रुपये पार कर गया है। सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय मीटिंग में राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे ने कहा कि GST कलेक्शन लक्ष्य के अनुरूप है।
जनवरी 2020 में GST कलेक्शन 1,10,828 करोड़ रुपये हैं. जिसमें CGST 20,944 करोड़ रुपये, SGST 28,224 करोड़ रुपये, GST 53,013 करोड़ रुपये रही। इसके साथ ही सेस के तौर पर 8,637 करोड़ रुपये का कलेक्शन हुआ। इसके पहले दो महीने यानी नवंबर और दिसंबर 2019 में भी GST कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा था। नवंबर महीने में GST कलेक्शन 1,03,492 करोड़ रुपये जबकि दिसंबर में ये कलेक्शन 1,03,184 करोड़ रुपये रहा।