नई दिल्ली।यूपी और बिहार में कारारी हार पर मंथन करते हुए बीजेपी की ओर से राजस्थान चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है और हार की मंथन के बाद आगामी राजस्थान चुनाव की ओर भाजपा ने अपना ध्यान केद्रित कर दिया हैं आपको बता दे कि भाजपा की ओर से राजस्थान विधानसभा चुनावी की जिम्मेदारी राज्यसभा सदस्य भूपेन्द्र यादव को दी गई हैं
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश से राज्यसभा सदस्य भूपेन्द्र यादव राजस्थान विधानसभा चुनाव में पार्टी के चुनाव अभियान का काम संभालेंगे। पार्टी नेतृत्व ने भूपेन्द्र यादव को राजस्थान विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर निगरानी रखने और जून माह से जयपुर में बैठकर चुनाव अभियान की कमान संभालने के लिए कहा है। भाजपा के द्रारा लिए गए इस फैसलें से साफ दिख रहा हैं कि भाजपा यूपी और बिहार की तरह राजस्थान सें सत्ता छिनते हुए नहीं देखना चाहती।
आपको बता दे कि इससे पहले भूपेन्द्र यादव वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में भी चुनाव अभियान के प्रभारी रह चुके हैं और वसुंधरा राजे के साथ यादव ने प्रदेश के सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों में सुराज संकल्प यात्रा की थी। आपको बता दे कि भाजपा की ओर से भूपेन्द्र यादव को राजस्थान चुनाव की कमान इसलिए दी गई हैं क्योकि भूपेन्द्र यादव चुनाव अभियान और कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने में माहिर हैं भूपेन्द्र यादव बिहार और उत्तरप्रदेश सहित कई राज्यों में भाजपा की ओर सेचुनाव अभियान की कमान संभाल चुके हैं।
भाजपा द्रारा दी गई चुनावी जिम्मेदारी को निभाने के लिए भूपेन्द्र यादव की ओर से भी तैयारी शुरू कर दी गई हैं जिसके लिए यादव दो दिन के जयपुर दौरे पर जाएंगे दो दिन जयपुर में रहकर और फिर दिल्ली से टेलिफोन पर प्रदेश के नेताओं से सम्पर्क कर चुनाव की तैयारियों का जायजा लिया हैं।
पिछले माह दो लोकसभा (अलवर एवं अजमेर) और फिर एक विधानसभा (मांडलगढ़) विधानसभा चुनाव में पार्टी उम्मीदवारों की हार के बाद हाल ही में सम्पन्न पंचायत एवं स्थानीय निकाय चुनाव में पराजय से चिंतित भाजपा डैमेज कंट्रोल में जुट गई है और अपनी हार पर मंथन करते हुए चुनावी तैयारियों जुट गई हैं।
विधायकों को फील्ड में रहने के निर्देश देने के साथ ही गुरूवार को पार्टी नेपंचायत एवं स्थानीय निकाय संस्थाओं के 300 प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई गई थी।
इस बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री वी. सतीश,प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी और प्रदेश संगठन महामंत्री चन्द्रशेखर ने प्रत्येक जिला प्रमुख और प्रधान से उनके जिले और पंचायत समिति में हुए कार्यों का विवारण मांगा और फिर आगामी छह माह में किए जाने वाले कार्यों के बारे में निर्देश दिए ।