वाराणसी। बनारस हिंदू विश्वविद्धालय को एमए प्रथम सेमेस्टर के इतिहास के पेपर में ट्रिपल तलाक, हलाला और खिलजी को लेकर पूछे गए सवालों पर बीएचयू को लेकर नाराज हो गए। छात्रों का आरोप है कि यूनिवर्सिटी इस तरह के सवाल पूछकर उनपर विचार धारा थोप रही है। इस पर बीएचयू के असिस्टेंट प्रोफेसर राजीव का कहना है कि अगर छात्रों को ये सब चीजे नहीं पढ़ाई जाएंगी तो उनको इसकी जानकारी कैसे होगी। ये सवाल मध्यकालीन इतिहास में खुद-ब-खुद जगह बना रहे हैं।
ये थे पूछे गए सवाल
1. जिल्ले अल्लाह क्या है?
2. इस्लाम में हलाला क्या है?
3. अलाउद्दीन खिलजी द्वारा नियत की गई गेहूं की क्या कीमत थी?
4. स्वयं को सिकंदर-ए-सानी कौन कहता था?
5. शर्फ कायिनी कौन था?
6. इस्लाम में तीन तलाक एवं हलाला एक सामाजिक बुराई है. इसकी व्याख्या कीजिए।
वहीं इतिहास के पेपर में इस तरह के सवाल पूछे जाने पर छात्रों ने इसका विरोध किया। छात्रों का कहना है कि इस तरह के सवालों से हमारे ऊपर एक विचार धारा थोपने की कोशिश की जा रही है। ये सवाल जान बूझकर पेपर में शामिल किए गए हैं। प्रोफेसर राजीव का कहना है कि इतिहास को बर्बाद किया गया है। इसलिए हमें छात्रों को असर इतिहास पढ़ाने की जरूरत है। राजीव ने आगे कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) बाल विवाह और सती प्रथा पर सवाल क्यों पूछते हैं? इस्लाम में भी कमियां हैं, जिन्हें बताना चाहिए। जब हमें इस्लाम का इतिहास पढ़ाना होगा तो हमें इस तरह की चीजों को भी बताना होगा। संजय लीला भंसाली जैसे लोग लोगों को इतिहास नहीं सिखाएंगे।