भारत खबर विशेष

जानलेवा साबित हो रहा है नोटबंदी पर सरकार का फैसला !

Modiaa जानलेवा साबित हो रहा है नोटबंदी पर सरकार का फैसला !

प्रधानमंत्री मोदी ने जब 8 नवंबर को देश में 500 और 1000 के नोटों को बंद करने का फरमान सुनाया, यह निर्णय देश के इतिहास के कई उन स्वर्णिम निर्णयों में से एक था जिसकी जमकर तारीफ की गई। देश में इस निर्णय के बाद दो गुट खड़े हो गए, एक तरफ से प्रधानमंत्री के इस निर्णय की जमकर तारीफ की जा रही थी वहीं दूसरी ओर विरोधियों ने प्रधानमंत्री को एकबार फिर से घेरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी।

modiaa

वास्तविकता में देखा जाए तो इस निर्णय के शुरुआती दिनों में लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, हालांकि घोषणा करते हुए पीएम ने इस बात का भी जिक्र किया था कि इससे कुछ दिनों तक लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है पर बाद में यह समस्या दूर हो जाएगी। शनिवार को वित्तमंत्री अरुण जेटली ने भी इस बात का जिक्र किया कि तकनीकि समस्याओं के कारण शुरुआती दिनों में लोगों को परेशानियां हो रही हैं, इसको सही होने में दो से तीन हफ्ते का समय लग सकता है। इन सब के बीच अगर देखा जाए इस निर्णय को लेकर लोगों में काफी हलचल देखा जा रहा है।

जानलेवा साबित हो रही है नाटबंदी- 500 और 1000 के नोटों की किल्लत ने लोगों को लंबी लाइनों में लगने को तो मजबूर किया ही है। कई लोगों को पूरे मामले का पता नहीं था और उनकी भिन्न भिन्न कारणों से जान चली गई। एक मामले में प्राइवेट अस्पताल में डॉक्टर ने 500 के नोट को नहीं बदला, ऐसे में पैसे और इलाज के अभाव के चलते नवजात बच्चे की जान चली गई। कैश के अभाव के चलते एक महिला ने हावड़ा ब्रिज से छलांग लगा कर जान दे दी, बताया जाता है कि उसके एटीएम से पैसे नहीं निकले थे।

dead

केरल से भी लोगों के इस समस्या के चलते जान जाने की खबर है, वहां पर पैसों के लिए लगी लंबी लाइन में खड़े दो बृद्धों के मौत की खबरें आ रही हैं। ऐसे कई सारे मामले देश के कोने कोने से सुनने को मिल रहे हैं जिसमें 500 और 1000 की नोटबंदी लोगों के मौत का कारण बन रही है। मध्यप्रदेश के सागर से भी ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, एक ताजा मामले के अनुसार नोट बदलने आए एक बुजुर्ग व्यक्ति की धूप में काफी देर तक खड़े होने के चलत मौत हो गई।

आपको बता दें कि 10 नवंबर से जब से एटीएम और बैंक नोटबंदी के एलान के बाद से दोबारा खुले हैं तब से हर बैंकों में एक-एक किमी की लाइनें लगी हुई हैं। समस्या तो तब और गंभीर हो जाती है जब घंटो लाइन में लगे व्यक्ति का पैसे निकालने का नंबर आता है और या तो उस समय एटीएम काम करना बंद कर देते हैं या तो पैसे खत्म हो जाते हैं। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि यह फैसला कालेधन को बाहर करने में बहुत ही लाभकारी साबित हो सकता है, पर साथ ही यह जनता के लिए समस्याओं का पिटारा भी लेकर आया है। सरकार के इस निर्णय को गलत साबित नहीं किया जा सकता है पर जिस तरह से लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, इसका ध्यान रखते हुए व्यवस्थाएं की गई होती तो लोगों को ऐसी मारामारी से बचाया जा सकता था।

Related posts

चीन में मिली 1.46 लाख साल पुरानी नई प्रजाति की खोपड़ी, क्या बदेलगी इंसानों की कहानी?

Saurabh

कश्मीर में आखिर ऐसा क्या होने वाला है जिसे वहां के नेता जानने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं?

bharatkhabar

दिवाली पर सिक्कों एवं बर्तन का महत्व

Pradeep sharma