इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में भय्यूजी महाराज ने खुद को गोली मार ली। उन्हें फौरन अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। अभी तक घटना के कारणों का पता नहीं चल पाया है। मध्य प्रदेश में भय्यू जी महाराज को राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त था। कुछ वक्त पहले ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा दिया था।
बता दें कि 1968 को जन्मे भय्यू महाराज का असली नाम उदय सिंह देखमुख है। वह कपड़ों के एक ब्रांड के लिए कभी मॉडलिंग भी कर चुके हैं। भय्यू महाराज का देश के दिग्गज राजनेताओं से संपर्क थे। हालांकि वह शुजालपुर के जमींदार परिवार से ताल्लुक रखते थे। भय्यू जी महाराज तब चर्चा में आए थे जब 2011 में अन्ना हजारे के अनशन को खत्म करवाने के लिए तत्कालीन केंद्र सरकार ने उन्हें अपना दूत बनाकर भेजा था। इसी के बाद ही अन्ना ने उनके हाथ से जूस पीकर अनशन तोड़ा था।
वहीं पीएम बनने के पहले गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी सद्भावना उपवास पर बैठे थे। उस उपवास को तुड़वाने के लिए उन्होंने भय्यू महाराज को आमंत्रित किया था। उनका सदगुरु दत्त धामिर्क ट्रस्ट नाम का ट्रस्ट भी चलता है। अपने ट्रस्ट के जरिए वह स्कॉलरशिप बांटते थे। कैदियों के बच्चों को पढ़ाते थे. और किसानों को खाद-बीज मुफ्त बांटते थे।