नई दिल्ली। स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाए गए शौचालयों के 60 प्रतिशत शौचालय अब तक इस्तेमाल नहीं किए गए लोगों में व्यवहारिक बदलावों को प्रेरित करने के लिए रेलवे मंत्रालय को बचाने के लिए एक स्टार्टअप कंपनी इन्नोवेटिव कम्युनिकेशन मॉड्यूल लेकर आई है।
बता दें कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर प्रेरणादायक पोस्टर और होर्डिंग लगाए गए है ताकि लोग गांधी अम्बेडकर और भगत सिंह की तरह देश को साफ रख सके इन पोस्टर्स में लिखा हुआ है बाहुबली की तरह अपने देश का एक महान सैनिक बनिए गंदगी के खिलाफ इस महान अभियान में अपना योगदान दे।
स्वच्छ भारत मिशन ज्यादातर शौचालय का ढांचा बनाने के लिए सीमित है इन सुविधाओं का उपयोग करने के लिए लोगों की मानसिकता को बदलने के लिए भी बहुत उपयोगी हैं। स्टार्टअप के संस्थापक सौरव पांडा ने कहा कि स्वच्छता के संदेश को फैलाने के लिए लागू और समाजिक मनोविज्ञान, व्यवहार अर्थशास्त्र का उपयोग करता है।
अगर सूत्रों की माने तो स्वच्छ भारत मिशन दुनिया का सबसे बड़ा स्वच्छता का कार्यक्रम माना गया है जो कि लोगों के व्यवहार को बदलने के लिए आरक्षित कुल बजट का करीब 8 प्रतिशत है बीते तीन सालों में टॉयलेट इंस्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर ध्यान केन्द्रित किया गया कैसे लोगों का दिमाग इनके उपयोग के प्रति बदल सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि इस मिशन के तहत बनाए गए कुल शौचालयों में से लगभग 60 प्रतिशत उपयोग नहीं किया जा रहा है क्योकि अप्रयुक्त शौचालयों के भंडारण स्थान में परिवर्तित किया जा रहा है और इस प्रकार जनता के लिए भारी नुकसान हो रहा हैं।