- भारत खबर || नई दिल्ली
अटलांटिक महासागर में एक इलाका है बरमूडा ट्रैंगल। अक्सर चर्चाओं में आपने सुना होगा कि वहां पर किसी भी तरह का विमान या जहाज जाते ही गायब हो जाता था। इस रहस्यमई घटना के पीछे का राज अंततः वैज्ञानिकों ने ढूंढ निकाला है।
बरमूडा एक ऐसा स्थान है जहां पर जाते ही अंतरिक्ष यात्रियों को अजीब अनुभव होते हैं वहां पर हर तरह के यंत्र चलने बंद हो जाते हैं और किसी भी तरह की कोई क्रिया यकायक थम जाती है। सफेद पुंज प्रकाश और उसकी चमक के आगे सब कुछ रुक जाता है।
वैज्ञनिकों ने इस गुत्थी को सुलझाते हुए इस रहस्य से पर्दा उठाने की कोशिश की है। कई बार इस रहस्य का पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों ने कमर कसी लेकिन हर बार वह भी फेल हो जाते थे। लगभग 70 साल बीत गए लेकिन किसी की हिम्मत नहीं हुई कि वहां जाकर इस रहस्य का पता लगा सके।
चुंबकीय घनत्व के प्रभाव के प्रभाव की बात स्वीकारी
आस्ट्रेलियाई वैज्ञानिक ने अपने सर्च के दौरान पाया कि वहां की परिस्थितियां और खराब मौसम की वजह से अटलांटिक महासागर के उस क्षेत्र में समुद्री विमान और प्लेन गायब हो जाते थे। उस क्षेत्र पर वैज्ञानिकों ने चुंबकीय घनत्व के प्रभाव की बात को स्वीकार करते हुए इस रहस्य से पर्दा उठाया है। वैज्ञानिकों के मुताबिक बरमूडा ट्रैंगल का यह क्षेत्र 700,000 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यह क्षेत्र भूमध्य रेखा के नजदीक है और अमेरिका के पास है।
अंतरिक्ष यात्री रहे टेरी वर्ट्स के मुताबिक, इस इलाके से गुजरने वाले सैटेलाइट को भी रेडिएशन का हमला झेलना पड़ता है। कंप्यूटर सिस्टम काम करना बंद कर देते हैं। इसी की वजह से नासा की अंतरिक्ष दूरबीन हबल इस इलाके से गुजरते वक्त काम करना बंद कर देती है। टेरी वर्ट्स बताते हैं कि अंतरिक्ष में इस रेडिएशन से बचने का सबसे अच्छा तरीका पानी है।
कितने विमान गायब हुये, फिर बढ़ी उत्सुकता
आपको बता दें कि युद्धक बम वर्षक विमान प्रशिक्षण के दौरान इस क्षेत्र में गायब हो गया था, लाइट 19 नाम का यह विमान क्षेत्र से जब गायब हुआ तो वैज्ञानिकों के मन में यहां की भौगोलिक स्थिति को जानने की उत्सुकता बढ़ गई। बताया जाता है कि इसी जगह पर एक और प्लेन गायब हो गया था जो सन 1872 में मेरी सिलेस्टी के नाम से जाना जाता था।
अभी तक इस बरमूडा ट्रायंगल के बारे में कुछ लोग तो यहां तक कहते थे कि उस क्षेत्र में एलियंस वगैरह रहते हैं। बरमूडा ट्रैंगल को शैतान के त्रिकोण के नाम से भी जाना जाता है। यह क्षेत्र उत्तर पश्चिम अटलांटिक महासागर का एक भाग है जिसमें कई प्लेन और समुद्री विमान गायब हुए हैं।