लखनऊ: राजधानी लखनऊ में कोरोना संक्रमण के मामले धीरे धीरे कम हो रहे हैं। इसी का परिणाम है कि अलग-अलग अस्पतालों में आरक्षित बेड की संख्या अब कम हो रही है। मरीज धीरे-धीरे ठीक हो कर घर जा रहे हैं। ऐसे में स्वास्थ्य कर्मियों को भी राहत मिलेगी।
नोडल अधिकारी ने दी जानकारी
नोडल अधिकारी डॉ रोशन जैकब ने इस बारे में अधिक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब मरीजों की संख्या कम हो रही है। इसीलिए आरक्षित बेड भी खाली हो रहे हैं, जिसके चलते बेड कम कर दिए गये हैं। इसका फायदा यह मिल रहा है कि पोस्ट कोविड-19 मरीजों का इलाज करने के लिए मेडिकल कॉलेज और अन्य अस्पतालों में उपलब्ध है। आने वाली तीसरी लहर को देखते हुए तैयारियां तेज कर दी गई हैं।
बच्चों के लिए आरक्षित हों 10 फ़ीसदी बेड- योगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर दौरे पर थे, जहां उन्होंने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में 200 बेड के कोविड-19 अस्पताल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि 10 फ़ीसदी बेड बच्चों के लिए भी आरक्षित करना जरूरी है। इसके साथ ही तीमारदारों को मरीज की हर पल की जानकारी भी दी जाएगी।
पिछली लहर में इससे जुड़ी कई शिकायतें भी मिल रही थी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मरीजों के परिजनों के रहने और खाने की भी व्यवस्था जरूर होनी चाहिए। इन दिनों योगी आदित्यनाथ अलग-अलग जिलों का दौरा कर रहे हैं और वहां के स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर उनकी नजर बनी हुई है।