नई दिल्ली। मुस्लिम समुदाएं में हलाला, तीन तलाक और बहुविवाह के खिलाफ आवाज उठाने वाली निदा खान को बरेली की जनपद न्यायलय की ओर से इंसाफ मिला है। निदा खान की दलील को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने तीन तलाक को खारिज कर दिया है। आपको बता दें कि कोर्ट की ओर से निदा खान के केस में पति पर घरेलू हिंसा का मुकदमा चलाने का आदेश दिया है। कोर्ट की ओर से मिले इस आदेश के बाद निदा खान को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है।
निदा खान मामला
आइए आपको विस्तार से बताते हैं कि आखिर निदा खान केस क्या है। दरअसल निदा खान की शादी 16जुलाई 2005 को आला हजरत खानदान के उस्मान रजा खां उर्फ अंजुम मियां के बेटे शीरान रजा खां से हुई थी। कुछ महीने बाद ही निदा के शौहर ने उन्हें तीन तलाक दे दिया, जिसके बाद निदा ने अदालत का सहारा लिया। आपको बता दें वो तलाकशुदा महिलाओं के लिए लगातार आंदोलन कर रही हैं। निदा के मुताबिक, शादी के कुछ समय बाद ही दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा और मांग पूरी नहीं होने पर उन्हें 3 बार तलाक, तलाक, तलाक कहकर घर से मारपीट कर निकाल दिया गया।
आपको बता दें कि इस मामले में निदा खान के ऊपर आला हजरत दरगाह की ओर से फतवा जारी किया गया था। जिसमें निदा को इस्लाम से बाहर निकालने का एलान किया था। निदा ने अपने शौहर शीरान के खिलाफ घरेलू हिंसा का केस किया था। शीरान ने इस केस को खारिज करने के लिए अदालत से गुहार लगाई थी। शीरान कहा कि वो निदा को तलाक देकर उन्हें मेहर और इद्दत के दौरान उनके खर्च के लिए जरूरी रकम दे चुके हैं। आपको बता दें कि इस मामले में निदा खान की ओर से फतवे का पलटवार किया गया था और कहा गया था कि फतवा जारी करने वाले लोग पाकिस्तान चले जाएं। हिन्दुस्तान एक लोकतांत्रिक देश है। यहां दो कानून नहीं चलेंगे।
ये भी पढ़ें:-
तीन तलाक के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाली निदा खान के खिलाफ फतवा जारी
लाइव शो पर महिला के हाथ उठाने पर मौलाना ने जड़े महिला को लगतार तीन थप्पड़