मुंबई। महाराष्ट्र समेत पूरे देश में गणेश विसर्जन की धूम है, ढोल नगाड़ों के बीच गणपति जी की मूर्तियों को विसर्जन के लिए ले जाया गया। मुंबई में गणेश प्रतिमा विसर्जन के कार्यक्रम को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पूरी शहर में 50 हजार से अधिक सुरक्षा कर्मियों को जगह-जगह नियुक्त कर दिया गया है। कई जगह पर ड्रोन द्वारा भी निगरानी की व्यवस्था की गयी है। विसर्जन के समय किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना न हो इसके लिए भीड़ के साथ पुलिस कर्मी भी सादे कपड़ों में तैनात रहेंगे और सुरक्षा के मद्देनजर पांच हजार सीसीटीवी कैमरों का भी इंतजाम किया गया है। गौरतलब है कि गणेश चतुर्थी 2 सितंबर को थी, इसी दिन हर जगह भगवान गणपति की प्रतिमा स्थापित की जाती है।
वहीं मुंबई में ढोल नगाड़ों के बीच लालबाग के राजा को विदाई देने के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है। महाराष्ट्र: पुणे में गणपति की मूर्ति विसर्जन के लिए ले जाया जा रहा है। मुंबई में प्रतिमा विसर्जन करने के लिए जूहू, चौपाटी, शिवाजी पार्क, अक्सा वर्सोवा आदि का चुनाव किया गया है। मुंबई के 129 स्थानों पर प्रतिमाएं विसर्जित की जाएंगी। पुणे: ताम्बड़ी जोगेश्वरी गणपति तिलक प्रतिमा चौक में रखी गई। जलगांव: पुलिस ने पिंपरा में गणपति विसर्जन जुलूस रोकने की कोशिश की। कोल्हापुर: कोल्हापुर नगर पालिका क्षेत्र में 3 बजे तक गणपति का विसर्जन किया जाएगा। विसर्जन से पहले लालबाग के राजा की आरती की जा रही है।
दस दिन तक चलने वाले गणेशोत्सव के बाद 11वें दिन अनंत चतुर्दशी होती है इसी दिन गणेश भगवान की प्रतिमा का विसर्जन करने की परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है। प्रतिमा को विसर्जन के लिए ले जाने से पहले पूर भक्ति भाव से गणपति जी की पूजा अर्चना की जाती है। उसके बाद मोदक का भोग लगाकर प्रतिमा काे पानी में विसर्जित कर दिया जाता है।
विसर्जन से पहले लालबाग के राजा की आरती की जा रही है, मुंबई के लालबाग के राजा सबसे पुराने और प्रसिद्ध पूजा मंडलों में से एक हैं। यहां 1934 से हर साल गणपति की प्रतिमा स्थापित की जाती है। विघ्नहर्ता के दर्शन के लिए फिल्म से लेकर राजनीतिक हस्तियों समेत करीब डेढ़ लाख श्रद्धालु रोजाना आते हैं। यहां श्रद्धालु गणपति बप्पा के दर्शन के लिए घंटों लाइन में लगे रहते हैं। कभी-कभी तो दर्शन करने में 24 घंटे से भी जयादा समय लग जाता है।
चारों तरफ बस गणपति बप्पा मोरया! मंगलमूर्ति मोरया! यही गूंज सुनाई दे रही होती है। दर्शन के लिए यहां दो लाइनें होती है। जनरल और नवास लाइन। नवास लाइन में लगने वाले श्रद्धालुओं को भगवान के चरण छूने का मौका मिलता है वहीं जनरल लाइन में लगने वाले श्रद्धालुओं को 10 मीटर दूर से भगवान के दर्शन करने पड़ते हैं। ऐसा माना जाता है कि यहां आने वाले हर भक्त की मनोकामना गणपति पूरी करते हैं। गणेश उत्सव के मात्र दस दिनों में यहां करोड़ों रुपये का दान भी भक्तों द्वारा अर्पित किया जाता है। लालबाग के राजा का बीमा भी किया जाता है।
गणेश चतुर्थी के दिन मिट्टी से निर्मित भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना की जाती है। इस पूजा के 16 चरण होते हैं जिन्हें शोदशोपचार पूजा के नाम से जाना जाता है, गणेश भगवान को मोदक का भोग लगाया जाता है। 10 दिन तक भगवान विघ्नहर्ता गणेश भगवान का भक्तिभाव से पूजन किया जाता है। सुबह शाम घरों और पंडालों में नियमित रूप से आरती की जाती है और 10वें दिन भगवान गणेश की मूर्ति का विसर्जन कर दिया जाता है।