मुम्बई: बैको में घोटाले का सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा है। पहले पंजाब नैशनल बैंक फिर आईसीआईसीआई और अब बैंक ऑफ महाराष्ट्र से घोटाले का मामला सामने आया है। बैंक ऑफ महाराष्ट्र में 3000 करोड़ के घोटाले का मामला सामने आया है। जिसमें पुणे की आर्थिक अपराध शाखा ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ रविन्द्र मराठे को डीएसके ग्रुप को दिए गए 3000 करोड़ रुपये के मामले में गिरफ्तार किया है. बैंक से कंपनी ने कर्ज लिया था पर अब कंपनी कर्ज वापस करने की स्थिति में नहीं है लिहाजा डिफॉल्ट के मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध शाखा ने यह कदम उठाया है।
एमडी और सीईओ के अलावा बैंक के अधिकारियों पर कसा शिकंजा
वहीं एमडी और सीईओ के अलावा बैंक ऑफ महाराष्ट्र के कार्यकारी निदेशक आरके गुप्ता और बैंक के पूर्व सीएमडी सुशील मुहनोत को भी हिरासत में लिया है। आर्थिक अपराध शाखा ने बैंक के अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा है कि बैंक के अधिकारियों की मिलीभगत थी कंपनी के साथ तभी कंपनी को इतनी बड़ी रकम बतौर कर्ज आसानी से दे दी गई थी। गिरफ्तार किए गए बैंक के अधिकारियों के खिलाफ बेइमानी, क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी और ब्रेच ऑफ ट्रस्ट का मामला दर्ज किया गया है।
आपको बता दें कि पुणे आधारित रियल एस्टेट कारोबारी डीएस कुलकर्णी और पत्नी हेमंती कुलकर्णी को फरवरी 2018 में 4,000 निवेशकों से 1,154 करोड़ रुपये की ठगी करने के मामले में गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा दोनों पर बैंक कर्ज के 2,892 करोड़ रुपये गबन करने का भी आरोप है। वहीं आर्थिक अपराध शाखा का दावा है कि डीएस कुलकर्णी और हेमंती ने बैंक अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर के निवेशकों का पैसा बतौर कर्ज निकालने और फर्जी ट्रांजैक्शन के जरिए बैंक को नुकसान पहुंचाने का काम किया है।