बेंगलुरु। बेंगलुरु इस समय खबरों में छाया हुआ है वो भी एक नहीं बल्कि दो बड़ी वारदातों के लिए। फिलहाल दोनों मामलों में अगर कोई चीज कॉमन है तो वो है महिलाओं के साथ हुई छेड़छाड़। 31 दिसंबर 2016 और 1 जनवरी 2017 ये दोनों तारीखें एक ऐसी वारदात की कहानी कहती है जिसे शायद आज हर कोई जानता है। 31 दिसंबर न्यू ईयर पार्टी के दौरान भीड़ के बीच में जहां एक ओर लड़कियों के साथ बदसलूकी की गई तो वहीं नए साल की पहली रात भी इस शहर के काली साबित हुई। इस रात घर जाती एक लड़की के साथ हैवानियत का खुलेआम खेल खेला गया।
बरहाल इन दोनों मामलों के लाइमलाइट में आने के बाद पुलिस भी हरकत में आ गई है और 31 दिसंबर की रात के घिनौने खेल को अंजाम देने वाले 4 लोगों को संदिग्ध के तौर पर गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस का कहना है कि वैसे तो इस मामले में 6 लोग शामिल थे लेकिन चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है और बाकी बचे दो की भी पहचान की जा चुकी है। उन्हें भी जल्द से जल्द पकड़ लिया जाएगा। बरहाल 1 जनवरी वाले कांड में किसी भी तरह की अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
जानिए आखिर क्या हुआ 31 दिसंबर को:-
दरअसल, बेंगलुरु का एमजी रोड और ब्रिगेड रोड काफी फेमस जगह है और नए साल के मौके पर यहां पर हजारों की संख्या में लोग जुटते है और नए साल का आगाज खुशी और जोश से करते है। इस साल भी हमेशा की तरह इसी रोड पर उतनी ही भीड़ थी लेकिन जब इस शाम की तस्वीरें सामने आई तो तस्वीरें किसी जश्न की नहीं बल्कि रोती-बिलकती लड़कियों की थी। खबरों की मानें तो उस रात इन सड़कों पर कुछ हुड़दंगियों ने लड़कियों के साथ बदसलूकी की और अश्लील कमेंट भी किए लेकिन उनकी मदद करने वाला वहां पर कोई नहीं था।
लेकिन हद तो तब हो गई जब राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने इस पूरे मामले पर युवाओं के रहन-सहन के पश्चिमी तौर तरीकों को जिम्मेदार बताकर एक बड़ा बखेड़ा खड़ा कर दिया। मंत्री के इस बयान के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ललिता कुमारमंगलम ने पुलिस की कड़ी आलोचना की और गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग की। इसके साथ ही राष्ट्रीय महिला आयोग और कर्नाटक राज्य महिला आयोग ने भी घटना को लेकर पुलिस और प्रशासन से अलग-अलग रिपोर्ट मांगी है।
वहीं पार्टी में मौजूद लोगों का कहना है कि 31 दिसंबर की रात को भीड़ को काबू करने के लिए 1500 पुलिसकर्मी तैनात थे लेकिन फिर भी महिलाओं के साछ छेड़खानी और अश्लील कमेंट किए गए।