बलरामपुर- बाढ़ राहत की व्यवस्था बस कागजों तक ही सीमित है, हर साल लोगों को बाढ़ की त्रासदी झेलनी पडती है, और बाढ़ से बचाव राहत की तैयारी एक परंपरा सी बन गई है। हर साल बाढ़ से बचाव और राहत पर जितना पैसा खर्च हो रहा है अगर उसका आधा पैसा भी बाढ़ रोकने की व्यवस्था में लगाया जाए तो जिले को बाढ़ की त्रासदी से झेलनी पडेगी। बाढ़ रोकने के प्रयास मानसून आने के ठीक पहले ही शुरू होती हैं और बाढ़ खत्म के साथ वे कोशिशें भी बाढ़ के पानी में बह जाती है। बलरामपुर जिले की व्यवस्था भी बस कागजों तक ही सीमित है, बाढ़ राहत के लिए जिले में केवल 2 ही मोटरबोट है और वह दोनों भी खराब पडी हुई है साथ ही बांधों के रिपेरिंग का कार्य भी अधूरा पडा हुआ है। जिला प्रशासन बार-बार बाढ़ राहत को लेकर चुस्त-दुरुस्त व्यवस्था होने का दावा कर रहा है। जिसको देखते हुए जिला प्रशासन की व्यवस्था बस भगवान भरोसे ही है।