बलिया। मुस्लिम समाज के लिए ईद बडा खुशियों भरा त्यौहार है। मुस्लिम समाज के लोगों एक माह की कडी ईबादत, रोजे नमाज, फितरा जकात तिलावते कलाम पाक और तमाम नेक अमाल के साथ एक माह के रोजे रखने के बाद ईद का चांद देखने के बाद ईद की खुशी को गले मिलकर एक दुसरे को मुबारकबाद देते है। कुछ लोग इसे मिठी ईद भी कहते है। आज यूपी के बलिया में ईद के अवसर पर जामा मस्जिद विशुनीपुर में देश की सलामती के लिए मुस्लिम समाज दुआ की और एक दूसरे को गले मिलकर ईद की बधाई दी।
ईद आपसी सौहार्द का त्यौहार है इस त्यौहार में लोग हिन्दू मुस्लिम सब मिलकर खुशियां बाटते है जगह-जगह इद मिलन समारोह भी आयोजित किये जाते है जिसमें हर वर्ग धर्म के लोग मिलकर खुशियां बाटते है। ईद की इस खुशी में कोई बाधा न आये कोई समाजिक सौहार्द न बिगडे इस लिए सरकार द्वारा और जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा व्यवस्था काफी चुस्त और दुरूस्त रखने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन दोनो मिल कर करते है।
पूरे देश में इस त्यौहार को हिंदू और मुस्लिम मिलकर मनाते है एक दूसरे को गले लगाकर हर गिले-शिकवे को दूर करते है और सेवईयों की मिठास से अपने रिशतों को मीठा करते है। ईद के दिन बच्चे बुढे सभी लोग हर्ष-उलास के साथ मनाते है। मुसलमानों का त्योहार ईद रमज़ान का चांद डूबने और ईद का चांद नज़र आने पर उसके अगले दिन चांद की पहली तारीख़ को मनाई जाती है। इसलामी साल में दो ईदों में से यह एक है दूसरा ईद उल जुहा या बकरीद कहलाता है। पहला ईद उल-फ़ितर पैगम्बर मुहम्मद ने सन 624 ईसवी में जंग-ए-बदर के बाद मनाया गया था।