जयपुर। राजस्थान का कुछ हिस्सा जैसे बाड़मेर,जैसलमेर और श्रीगंगानगर जिला जो पाकिस्तान के बोर्डर से सटा हुआ है और यहां पर पाकिस्तान अपने जासूसों को नियंत्रित करने के लिए बहावलपुर से करता है। पाकिस्तान के बहावलपुर में बनी आइएसआइ की फॉरवर्ड इंटेलीजेंस यूनिट के माध्यम से पश्चिमी राजस्थान में यह पाकिस्तानि जासूसों को नियंत्रित करता है। ये यूनिट कुछ ऐसे लोगों का पता करती है जिनके रिश्तेदार पश्चिमी राजस्थान में रहते है।
फिर इन लोगों को पैसों का लालच देकर इन इलाकों में जासूसी के लिए तैयार करती है। इन लोगों के माध्यम से राजस्थान के तीनों सीमावर्ती जिलों से जासूस तैयार करने के बाद कुछ लोगों को बहावलपुर बुलाकर ट्रेनिंग दी जाती थी और कुछ को मोबाइल फोन से ही बताया जाता है।
पूरा मामला जैसलमेर के कुरियाबेरी गांव में दो दिन पहले पकड़े गए जासूस रमजान खां और नबीया खां ने सुरक्षा एजेंसियों को पूछताछ में बताया की आइएसआइ जासूसी करने वालों को दस हजार से लेकर दो लाख रुपये तक की रकम देती है। दोनों ने बताया कि आइएसआइ जासूसों को भारत विरोधी साहित्य भी उपलब्ध कराती है, जिसे ये लोग सभी लोगों में बांट देते है।
इन दोनों जासूसों को बुधवार को पकड़ा गया था। इनसे हुई पूछताछ के बाद गुरुवार को सीमा से मात्र तीन किलोमीटर दूर एक गांव में सात फीट गहरे खड्डे में छिपाकर रखे गए सात मोबाइल फोन, पाक सिम कार्ड व सीमा क्षेत्र के नक्शे बरामद किये गये है।