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Baglamukhi Jayanti 2021: बगलामुखी मां दिलाती हैं शत्रुओं और रोग पर विजय

Pitambra mai Baglamukhi Jayanti 2021: बगलामुखी मां दिलाती हैं शत्रुओं और रोग पर विजय

वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मां बगलामुखी की जयंती मनाई जाती है। माना जाता है कि मां की पूजा से शत्रुओं पर विजय मिलती है, रोग मुक्ति होती है।

इस बार 20 मई को बगलामुखी जयंती मनाई जा रही है। कोरोना काल में मां से भक्त इस महामारी से मुक्ति की प्रार्थना कर रहे हैं। मां बगलामुखी को मां दुर्गा का 8वां अवतार बताया गया है। आज के दिन भक्त विधि-विधान से मां की पूजा कर रहे हैं।

शुभ मुहूर्त

बगलामुखी जयंती तिथि : 20 मई 2021
पूजा का शुभ समय : सुबह 11 बजकर 50 मिनट से दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक.
पूजा की कुल अवधि : 55 मिनट.
कौन हैं मां बगलामुखी?

8वीं महाविद्या हैं देवी

मां दुर्गा का 8वां अवतार बगलामुखी मां को 8वीं महाविद्या कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि पूरे संसार की शक्तियां मां में ही समाहित हैं। इनकी पूजा रात्रि के पहर में होती है। पीला रंग मां बगलामुखी को बेहद प्रिय है। इसलिए मां को पीतांबरा मां के नाम से भी पुकारा जाता है। पूजा में भी पीले रंगों का खूब इस्तेमाल किया जाता है।

महत्त्व

मां बगलामुखी की साधना करने से शत्रुओं की हार होती है। विजय की प्राप्ति होती है। मन के भय से मु्क्ति मिलती है। व्यक्ति भयंकर रोगों पर विजय प्राप्त करता है। मां बगलामुखी की कृपा से भक्त की सभी प्रकार की समस्याएं और बाधाएं नष्ट हो जाती हैं।

पूजा विधि

इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि करके पीले वस्त्रों को पहनकर मां की पूजा करनी चाहिए। पूजा चौकी पर पीले वस्त्र बिछाकर मां बगलामुखी की मूर्ति स्थापित करें। अब कलश स्थापित कर पूजा का संकल्प लें। मां बगलामुखी को अक्षत्, चंदन, रोली, बेलपत्र, पान, मौसमी फल, सिंदूर, पीले पुष्प, धूप, गंध, नैवेद्य आदि अर्पित करें। अब बगलामुखी कवच का पाठ कर आरती करें। पूजा के बाद माता रानी का प्रसाद बांटना चाहिए।

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