लखनऊ। प्रदेश में विधान सभा के चुनावी समर का आगाज होने वाला है। इसके पहले पार्टियों में भाग दौड़ की स्थिति बनी हुई। नेता अपने सुरक्षित खेमे में जाने केलिए हाथ पैर मार रहे है। कई नेताओं ने एक दूसरे दलों की राहें और बाहें थाम ली हैं।
इसी क्रम में कभी बसपा में मायावती के खास रहे और कैबिनेट मंत्री के तौर पर विराजमान नेता पूर्व मंत्री बादशाह सिंह ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। इसके पहले वे 2012 के चुनाव के समय बसपा का साथ छोड़ भाजपा नेता बने थे पर भाजपा में स्वामी प्रसाद मौर्य के आने के बाद बादशाह सिंह ने भाजपा से जाने का मन बना लिया था आखिरकार आज कांग्रेस के साथ 2017 के विधान सभा में चुनावी राह पकड़ ली।
बुंदेलखंड की सियासत में दंबग छवि के साथ बादशाह सिंह माया सरकार में मंत्री रहे औऱ लैकफेड घोटाले में ही उनका नाम आया था। जिसके बाद उन्हे जेल की हवा भी खानी पड़ी थी। इस पूरे प्रकरण पर उन्हे में अपने आपको कई बार पाक साफ बताया है। लेकिन अब देखना होगा बादशाह सिंह के कांग्रेस में आने से भाजपा या बसपा किसको नुकसान होगा और कांग्रेस का कितना फायदा होगा।