- भारत खबर || लखनऊ
Babri Masjid Case: बाबरी विध्वंस मामले में सीबीआई की अदालत ने फैसला सुनाते हुए सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया है। इस फैसले का स्वागत करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा है कि, ‘सत्यमेव जयते के अनुरूप सत्य की जीत हुई है।’
आपको बता दें कि इस केस में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती सहित भारतीय जनता पार्टी के कई कद्दावर नेताओं के साथ कुल 32 आरोपियों के खिलाफ सुनवाई की जानी थी, सीबीआई कोर्ट ने आज फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को पर्याप्त सबूत के अभाव में बरी कर दिया।
Babri Masjid Case पर योगी ने क्या दी प्रतिक्रिया
फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ‘यह फैसला स्पष्ट करता है कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा राजनीतिक पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर वोट बैंक की राजनीति के लिए देश के पूज्य संतों भारतीय जनता पार्टी के नेताओं, विश्व हिंदू परिषद से जुड़े वरिष्ठ पदाधिकारियों और समाज से जुड़े विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों को बदनाम करने की नीयत से उन्हें झूठे मुकदमों में फंसाकर बदनाम किया गया।’
मुख्यमंत्री यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे उन लोगों से माफी मांगने की बात भी कही जो इस (Babri Masjid Case) षड्यंत्र के लिए जिम्मेदार हैं। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश की जनता से इस संयंत्र के लिए जिम्मेदार लोगों को माफी मांगनी चाहिए। सीएम योगी ने वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को इस फैसले के बाद फोन कर बधाई दी।
23 सौ पन्ने में सुनाया गया फैसला
28 साल पुराने Babri Masjid Case के मुकदमे में 2300 पन्नों मैं फैसला सुनाते हुए सीबीआई की विशेष अदालत के जज सुरेंद्र कुमार यादव ने कहा है कि, इस केस में CBI की ओर से पेश किए गए सबूतों को पर्याप्त नहीं माना है। ढांचा गिराने में विश्व हिंदू परिषद का कोई रोल नहीं था, बल्कि कुछ असामाजिक तत्वों ने पीछे से पत्थरबाजी की थी और ढांचा गिराने में कुछ शरारती तत्वों का हाथ था।