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योग गुरु बाबा रामदेव के जम्मू-कश्मीर में 1007 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव राज्य प्रशासन ने किया खारिज

baba ram dev योग गुरु बाबा रामदेव के जम्मू-कश्मीर में 1007 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव राज्य प्रशासन ने किया खारिज

जम्मू। योग गुरु बाबा रामदेव के जम्मू-कश्मीर में 1007 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव राज्य प्रशासन की ओर से खारिज कर दिया गया है। करीब दो साल पहले बाबा रामदेव ने अपने पतंजलि उत्पादों की सांबा जिले में फैक्ट्री लगाने का प्रस्ताव रखा था। उस समय भाजपा-पीडीपी सरकार में तत्कालीन उद्योग मंत्री चंद्र प्रकाश गंगा ने इस प्रस्ताव को हरी झंडी दी और बिना जमीन की कीमत लिए चिन्हित स्थान पर फैक्ट्री लगाने का काम भी शुरू हो गया।

बता दें कि करीब एक साल तक जमीन को समतल करने का काम जारी रहा, लेकिन सरकार गिरने के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया। अब जम्मू-कश्मीर के चीफ सेक्रेटरी बीवीआर सुब्रहमण्यम की अध्यक्षता वाली कमेटी ने बाबा रामदेव की कंपनी की ओर से रखी शर्तो को मानने से इनकार करते हुए फैक्ट्री लगाने का उनका प्रस्ताव खारिज कर दिया है।

वहीं उद्योग विभाग के विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, बाबा रामदेव की कंपनी ने सांबा जिले में बड़ी ब्राह्माणा के निकट मीन चाढ़का में 1300 कनाल जमीन देने की मांग की थी। भाजपा के वरिष्ठ नेता व तत्कालीन उद्योग मंत्री चंद्र प्रकाश गंगा का परिवार वर्षो से बाबा रामदेव की कंपनी के साथ काम कर रहा है। गंगा के भाई पतंजलि उत्पादों के डिस्ट्रीब्यूटर भी हैं और गंगा का प्रयास था कि पतंजलि उत्पादों की फैक्ट्री यहां लगाई जाए। उद्योग विभाग से मंजूरी के बाद यह प्रस्ताव अपेक्स प्रोजेक्ट क्लीयरेंस कमेटी के पास गया। मौजूदा समय में जम्मू-कश्मीर के चीफ सेक्रेटरी इस कमेटी के अध्यक्ष हैं और उन्होंने बाबा रामदेव की कंपनी के प्रस्ताव पर गौर करने के बाद उसे खारिज कर दिया।

दस साल में भुगतान करने का रखा था प्रस्ताव

सूत्रों के अनुसार, बाबा रामदेव की कंपनी को उद्योग नीति के तहत सात लाख रुपये प्रति कनाल के हिसाब से जमीन की कीमत चुकानी थी। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर उद्योग नीति के तहत किराया भी निर्धारित होना था, जिसमें हर दो साल बाद दस फीसद की वृद्धि का प्रावधान है। बाबा रामदेव की कंपनी ने शर्त रखी थी कि जमीन की कीमत का भुगतान वह दस वर्षो में करेगी। इसके अलावा किराया माफ करने की भी शर्त रखी गई थी, जिस कारण यह प्रस्ताव खारिज किया गया।

सिडको ने खर्च कर दिए 25 करोड़

सूत्रों की माने तो (स्मॉल इंडस्ट्री डेवलपमेंट कॉरपोरेशन) सिडको ने बाबा रामदेव की फैक्टरी लगवाने के लिए सांबा जिले में बड़ी ब्राह्माणा के निकट मीन चाढ़का में 1300 कनाल जमीन की साफ-सफाई तथा इसे समतल करवाने पर 25 करोड़ रुपये खर्च भी कर दिए हैं। यह जमीन किसके आदेश से समतल करवाई गई और अब इस जमीन पर क्या किया जाएगा, इस पर कोई भी अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है।

महबूबा मुफ्ती ने भी शुरू कराई थी जांच

सूत्रों के अनुसार, बहुचर्चित कठुआ मामले में जब भाजपा-पीडीपी के बीच दूरियां बढ़ीं तो तत्कालीन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी बिना जमीन की कीमत अदा किए और बिना जमीन अलॉट किए सिडको की ओर से मीन चाढ़का में फैक्ट्री लगाने के लिए काम शुरू करने की जांच बिठाई थी। अप्रैल 2018 में जब चंद्र प्रकाश गंगा ने इस्तीफा दिया तो जांच शुरू हुई, लेकिन जून 2018 में सरकार गिरने से जांच ठंडे बस्ते में चली गई। इसके साथ ही राज्य की राजनीति व प्रशासनिक प्राथमिकताएं बदल गई जिसने अब जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद नया रूप ले लिया है।

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