लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय ने नई शिक्षा नीति का हवाला देते हुए बीए और बीकॉम ऑनर्स के कोर्स को बंद करने का निर्णय लिया है। विश्वविद्यालय के इस निर्णय के खिलाफ छात्र संगठन मुखर हो गए हैं। समाजवादी छात्रसभा ने गुरूवार को कहा कि शिक्षा का व्यवसायीकरण किया जा रहा है। इसी वजह से ऐसे निर्णय लिये जा रहे हैं। बिना किसी पूर्वसूचना के पाठ्यक्रमों को बंद कर देना, मनमानी है।
समाजवादी छात्र सभा के इकाई अध्यक्ष कार्तिक पाण्डेय ने कहा कि बिना पूर्ववर्ती सूचना के बीए और बीकॉम ऑनर्स के कोर्स बन्द कर दिया गए हैं। इन विषयों का समायोजन सेल्फ फाइनेंस कोर्स में किये जाने की बात की जा रही है। कार्तिक ने कहा कि बिना किसी प्रकार की सूचना दिए इस तरह के छात्र विरोधी फैसले विश्वविद्यालय प्रशासन कैसे ले सकता है?
वहीं समाजवादी छात्रसभा के प्रदेश सचिव परवेज अहमद का कहना है की इस तरह की छात्र विरोधी नीतियों से ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले और आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को शिक्षा ग्रहण करना असंभव हो जाएगा। छात्रसभा के छात्रनेताओं ने इसका विरोध करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन को ज्ञापन सौंपा।
छात्रसभा के नेताओं का कहना है कि शिक्षा का व्यवसायीकरण बंद होना चाहिए और इस तरह की नीतियों और फैसले वापस नहीं लिए गए तो हम एक बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। इस मौके पर दीपेश वैश, इरफान, अमर यादव, आकाश अवस्थी, उत्तम दीक्षित समेत कई छात्रनेता मौजूद रहे।