नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री आज़म खां को सुप्रीम कोर्ट ने राहत देते हुए याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि आज़म के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला भी पूरी तरह से मान्य हो गया है।
दरअसल याचिकाकर्ता रामसेवक शुक्ला ने कैबिनेट मंत्री आज़म खां को यूपी जल निगम अध्यक्ष पद से हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि आज़म खां इस पद पर जबरन बने हुए हैं। कानून के मुताबिक अध्यक्ष पर उनका कार्यकाल मार्च 2015 में ही पूरा हो चुका है। ऐसे में उन्हें इस पद से हटाने की मांग की गई, लेकिन इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि वह प्रशासनिक नीति के मामले में दखल नहीं दे सकता। इसके बाद याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका वापस ले ली। गौरतलब है कि याचिकाकर्ता ने इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी आज़म खां के खिलाफ याचिका दायर की थी, लेकिन हाईकोर्ट ने आज़म खां के पक्ष में अपना फैसला दिया था। जिसके बाद याचिकाकर्ता ने सर्वोच्च न्यायालय की शरण ली थी, लेकिन यहां भी इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए आज़म के पक्ष में ही फैसला गया।