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जातिगत जनगणना की मांग, आजाद समाज पार्टी ने उड़ाई कोविड प्रोटोकॉल की धज्जियां

जातिगत जनगणना की मांग, आजाद समाज पार्टी ने उड़ाई कोविड प्रोटोकॉल की धज्जियां

फतेहपुर: आजाद समाज पार्टी ने सोमवार को प्रदर्शन के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल की खूब धज्जियां उड़ाईं। मौके पर उप जिलाधिकारी प्रहलाद सिंह पहुंचे और ज्ञापन सौंपने को कहा लेकिन प्रदर्शनकारी डीएम को ज्ञापन देने पर अड़े रहे। ऐसे में कुछ लोगों को जिलाधिकारी के कार्यालय ले जाया गया। यहां पर उन्‍होंने राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन सौंपा। हालांकि, जिलाधिकारी को ज्ञापन देते समय पार्टी के कार्यकर्ता मास्क लगाए दिखे।

शहर के पीरनपुर से शुरू हुआ प्रदर्शन कलेक्ट्रेट में समाप्त हुआ। इस दौरान करीब डेढ़ किलोमीटर के आसपास एक साथ भारी संख्या में बिना मास्क के चलते रहे। ऐसे में यह लापरवाही इन लोगों के साथ-साथ जिले भर को भारी पड़ सकती है। नारेबाजी करते हुए जिलाध्यक्ष उपेन्द्र कुमार ने बताया कि सरकार ने जातिगत जनगणना पर रोक लगा दी है। यह सरकार पिछड़े और वंचित लोगों का भला नहीं चाहती है, तभी वह अपनी मनमर्जी पर उतारू है।

जातिगत बंटवारा होना चाहिए: उपेन्‍द्र कुमार

उन्‍होंने कहा, स्वतंत्रता के पहले 1931 में जातिगत जनगणना हुई लेकिन उसके बाद फिर कभी नहीं हुई। हालांकि 2011 में जातिगत जनगणना हुई फिर भी इसके आंकड़ें सार्वजनिक नहीं किए गए। हम लोग मांग करते हुए राष्ट्रपति से अपील करते हैं कि जातिगत बंटवारा होना चाहिए, जिससे यह पता चले कि जनसंख्या के अनुपात में संसाधन की क्या भागेदारी है।

राष्‍ट्रव्‍यापी आंदोलन की चेतावनी

आजाद समाज पार्टी के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि, ओबीसी का कल्याण करने का वादा कर वह सत्ता में आए लेकिन अब वह अपने वादे से पिछड़ रहे हैं। इन्हीं मांगों को लेकर आजाद समाज पार्टी ने प्रदेश भर के अपने जिला मुख्यालयों में अपना प्रदर्शन किया और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। पार्टी के लोगों ने खुली चेतावनी देते हुए कहा कि, यदि हमारी मांग नहीं मानी गयी तो अगले चरण में हम लोग राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू करने पर बाध्य होंगे।

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