featured देश

दिल्ली में ऑटो हड़ताल, यात्रियों से बदसलूकी

Delhi Auto Strike दिल्ली में ऑटो हड़ताल, यात्रियों से बदसलूकी

नई दिल्ली। दिल्ली में कुछ यूनियनों की ऑटो रिक्शा हड़ताल के बीच हजारों ऑटो चालक गुरुवार को हड़ताल से अलग होकर सड़कों पर उतरे। लेकिन, यात्रियों का कहना है कि हड़तालियों ने जबरन ऑटो को चलने से रोका और उन्हें जबरदस्ती ऑटो से उतार दिया। राजधानी के कई इलाकों से ऑटो चालकों को जबरदस्ती रोके जाने की खबरें आई हैं, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है। कामकाजी पेशेवर आकांक्षा ने बताया, “मैंने अलकनंदा से ओखला के लिए ऑटो लिया था, लेकिन चालकों के एक समूह ने जबरदस्ती ऑटो रोक लिया और उन्हें उतरने को कहा।”

Delhi Auto Strike

उन्होंने कहा कि हड़तालियों ने हड़ताल में हिस्सा नहीं लेने के कारण ऑटो ड्राइवर की पिटाई की। आकांक्षा चार अन्य के साथ उस ऑटो रिक्शा में सफर कर रही थीं। हड़तालियों में से एक सोमेश कुमार ने कहा कि ऑटो रिक्शा चालक मंगलवार से हड़ताल पर हैं, इसलिए वे किसी भी ऑटो को सड़क पर चलने नहीं देंगे। एप आधारित टैक्सी सेवाओं के खिलाफ ऑटो रिक्शा और काली-पीली टैक्सी ड्राइवर मंगलवार से हड़ताल पर हैं। दिल्ली सरकार ने बुधवार शाम को घोषणा की कि 17 यूनियन ने हड़ताल वापस ले ली है, लेकिन स्पष्ट रूप से कुछ यूनियन समझौते के पक्ष में नहीं हैं।

गुरुवार को लोगों को काफी परेशानी हुई जब ऑटो चालकों ने दक्षिण दिल्ली में महिपालपुर के निकट एयरपोर्ट रोड पर जाम लगा दिया। पश्चिम दिल्ली के रोहिणी क्षेत्र में भी करीब 200 ऑटो चालकों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे ऑटो चालक चेतन कुमार ने बताया, “हमने यहां ओला और उबेर के करीब 25 ऑटो और टैक्सियों को रोक दिया है। हम उन्हें नहीं चलने देंगे।”

दक्षिण दिल्ली के साकेत में रहने वाली गृहिणी रजनी ने बताया कि उन्होंने चार या पांच ऑटो रिक्शा वालों को एक ऑटो रिक्शा को जबरदस्ती रोकते देखा, जिसमें दो महिलाएं सफर कर रही थीं। उन्होंने यात्रियों को जबरदस्ती उतार दिया।

उन्होंने कहा, “यह बेहूदगी है। वे ऐसा कैसे कर सकते हैं? अगर कुछ ऑटो चालक हड़ताल में शामिल होना नहीं चाहते हैं तो वे उन्हें जबरदस्ती क्यों हड़ताल करने पर मजबूर कर रहे हैं? और, पुलिस क्यों नहीं कुछ कर रही है?”

कई ऑटो चालकों ने बताया कि वे हड़ताल में शामिल होना नहीं चाहते हैं, लेकिन पुलिस इस ‘गुंडागर्दी’ को रोकने के लिए कुछ नहीं कर रही है। एक ड्राइवर बाबूलाल ने कहा, “मुझे इस हड़ताल का कोई कारण नजर नहीं आता। हम अनिश्चिकालीन हड़ताल कैसे कर सकते हैं? फिर मैं अपने परिवार के लिए कमाऊंगा कैसे?”

ज्वायंट एक्शन कमेटी ऑफ ऑटो और टैक्सी यूनियन्स (जेएसीएटीयू) के अध्यक्ष राजेंद्र सोनी ने कहा कि जो ड्राइवर गुंडागर्दी कर रहे हैं, पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करना चाहिए। उन्होंने कहा, “वे हमारे आदमी नहीं हैं, बल्कि आम आदमी पार्टी के लोग हैं। ऐसा सरकार करवा रही है ताकि हमारी हड़ताल असफल हो जाए।”

दिल्ली सरकार ने आरोप लगाया है कि इस हड़ताल के पीछे भारतीय जनता पार्टी का हाथ है। दिल्ली में करीब 90,000 ऑटो चालक और 15,000 काली-पीली टैक्सियां हैं। ऑटो रिक्शा को गरीबों की टैक्सी माना जाता है और राजधानी की परिवहन जरूरतों के लिए यह काफी महत्वपूर्ण है।

Related posts

राजस्थान : पेपर लीक कांड के मास्टर माइंड भूपेंद्र सारण के मकान पर चला बुलडोजर, चार शिक्षक बर्खास्त

Rahul

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने किया बड़ा एलान, कहा- 2024 में राहुल गांधी को पीएम बनाने के बाद छोड़ देंगे राजनीति

Trinath Mishra

भारत का ‘संदेश’ और ‘संवाद’ देने वाला है WHATSAPP को टक्कर, देसी एप बना रही सरकार!

Shagun Kochhar