कैनबरा। विदेश जाकर कमाने का सपना देखने वाले भारतीय प्रफेशनल्स के लिए बुरी खबर है। दरअसल अब अमेरिका के बाद ऑस्ट्रेलिया ने भी कुशल वर्करों को जारी किए जाने वाले उपवर्गीय 457 वीजा खत्म कर दिए हैं। हालांकि इसी महीने से उसने एक नया टेंपररी स्किल शॉर्टेज वीजा की शुरुआत की है। बता दें कि जिन वीजा को ऑस्ट्रेलिया ने रद्द किया है वो भारतीय में काफी लोकप्रिय है। यही वजह है कि इस वीजा वाले 90 हजार लोगों में बड़ा हिस्सा भारतीयों का ही है जोकि वहां की कुल आबादी का 22 फीसदी है। मालूम हो कि टीएसएस के जरिए ऑस्ट्रेलिया में विदेशी वर्करों की नियुक्ति होती रहेगी, लेकिन वहां स्थाई तौर पर निवास की चाह रखने वाले भारतीयों के लिए इस नए नियम के रद्द होने के बाद मुसीबत ही मुसीबत है।
ऑस्ट्रेलिया ने नए नियम के बाद पहली जॉब की तलाश करने वाले कामगरों को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा क्योंकि इसकी न्यूनतम अनुभव को दो साल का कर दिया गया है,जिसका शिकार ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई कर रहे छात्र भी होंगे। वहीं नए वर्क वीजा की वजह से विदेशी वर्करों को नौकरी पर रखना ज्यादा महंगा हो जाएगा क्योंकि इसमें नौकरी देनेवाली कंपनियों के लिए स्किलिंग फंड में अतिरिक्त योगदान करने का प्रस्ताव किया गया है। साथ ही, स्थानीय लोगों को नौकरियों में पहली प्राथमिकता देने के मकसद से लेबर टेस्टिंग के नियम भी कड़े किए जाएंगे। हालांकि, अभी नियमों को आखिरी स्वरूप प्रदान नहीं किया गया है।
ऑस्ट्रेलिया की सरकार उन व्यवसायों की सूची तैयार करती है जिसमें कुशल कार्यबल की कमी होती है और जिसके लिए विदेशी वर्करों की हायरिंग की अनुमति दी जा सकती है। कुछ महीने पहले माइग्रेशन रिफॉर्म प्रोसेस शुरू हुआ और जनवरी में नया स्किल्ड माइग्रेशन वीजा लिस्ट जारी की गई। अगले कुछ महीनों में एक और लिस्ट आनेवाली है। 30 सितंबर 2017 को खत्म हुए ऑस्ट्रेलियाई वित्त वर्ष में रसोइये, रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर और रेस्ट्रॉन्ट मैनेजर के टॉप तीन व्यवसायों के लिए 457 वीजा आवंटित किए जाएंगे। 457 वीजा अधिकतम चार वर्षों तक के लिए वैध होता है