नई दिल्ली। यूपीए सरकार के कार्यकाल में हुए अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला मामले में रक्षा और एयरोस्पेस उपकरण बनाने वाली कंपनी फिनमेकानिक के पूर्व अध्यक्ष गियुसेपे ओरसी और कंपनी के हेलीकॉप्टर निर्माण ईकाई के पूर्व सीईओ ब्रुूनों स्पेगनोलिनी को इटली की एक अदालत ने सबूतों के आभाव में बरी कर दिया है। दोनों अधिकारियों को भारत सरकार ने 12 अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर की बिक्री के 3,600 करोड़ रुपये के वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे में कथित तौर पर घूस में शामिल होने का आरोप लगाया था। अधिकारियों के खिलाफ ये मामला साल 2012 में शुरू की गई जांच के आधार पर दर्ज किया गया था, जिसकों लेकर साल 2014 में ओरसी को गिरफ्तार भी किया गया था।
आपको बता दें कि सौदा होने के समय ओरसी अगस्ता वेस्टलैंड का नेतृत्व कर रहे थे और उन पर घूस देने का संदेह था। इसके चलते उन्हें फर्जी बही-खाते और भ्रष्टाचार के लिए साढ़े चार साल जेल की सजा सुनाई गई थी। इतालवी समाचार एजेंसी एएनएसए के मुताबिक सहायक कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड के पूर्व सीईओ ब्रूनो स्पागनोलिनी को भी बरी कर दिया गया। उन्हें इसी आरोप में चार साल जेल की सजा सुनाई गई थी। दोनों आरोपियों के बरी होने को सीबीआई ने गलत ठहराते हुए कहा है कि फिनमेकानिक और अगस्ता वेस्टलैंड के पूर्व शीर्ष अधिकारियों ओरसी और ब्रूनों को बरी किए जाने से हमारे मामले पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि उसका मामल मजबुत सबूतों के साथ स्वतंत्र जांच पर आधारित था और हमारे पास इस मामले को लेकर पुख्ता सबूत मौजूद है।
सूत्रों से मिली जानकारी के हवाले से ये कहा गया है कि इटली की अदालतों में मामला इतालवी अधिकारियों द्वारा एकत्रित सबूतों पर आधारित है जबकि सीबीआई ने मामले में पूरी तरह स्वतंत्र जांच की है। उन्होंने कहा कि मिलान अदालत के आदेश के बाद भी इटली के अधिकारियों के पास अपील करने का एक विकल्प है। सीबीआई के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने यहां कहा कि हमने पूरी तरह अलग जांच की है। हमारा मामला बहुत मजबूत है।