शैलेंद्र सिंह, लखनऊ: गंगा की अविरला और निर्मलता का उद्देश्य लेकर शुरू की गई ‘अतुल्य गंगा मुंड माल परिक्रमा’ विश्व की पहली और सबसे बड़ी पदयात्रा है।
बीते साल 16 दिसंबर को प्रयागराज से शुरू हुई मुंड माल परिक्रमा का आज 118वां दिन है। इस दौरान पांच सदस्यों की टीम ने करीब 3800 किलोमीटर की पदयात्रा की है। इस मुंड माल परिक्रमा को खुद उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हरी झंडी दिखाई थी।
118 दिनों में तय की करीब 3800 किमी. की दूरी
6000 किमी. से ज्यादा की दूरी तय कर निकली यह टीम अभी तक 118 दिनों में प्रयागराज से गंगासागर और वापस फर्रूख़ाबाद तक लगभग 3800 किलोमीटर की यात्रा कर चुकी है। पदयात्रा करने वाली इस टीम में फ्रीलांस छायाकर रोहित उमराव, सेना के सेवानिवृत्त अधिकारी कर्नल आरपी पांडेय, हीरेन भाई पटेल, शगुन त्यागी और रोहित कुमार शामिल हैं।
अतुल्य गंगा मुंड माल परिक्रमा का उद्देश्य
नदी के पर्यावरण, स्वास्थ्य और सुरक्षा के उद्देश्य को लेकर शुरू हुई अतुल्य गंगा मुंड माल परिक्रमा के प्रमुख रूप से चार लक्ष्य हैं।
पहला: 6000 किमी. से ज्यादा की दूरी- गंगा नदी की अविरलता और स्वच्छता को लेकर 6000 किमी. से ज्यादा की दूरी तय करके लोगों को नदियों की स्वच्छता के प्रति जागरूक करना।
दूसरा: पॉल्यूशन मैपिंग- गंगा नदी की मध्य धारा से जल लेकर 12 सैंपल्स के साथ टेस्टिंग की जा रही है, जिसमें जल में डिजाल्वड ऑक्सीजन, नाइट्रेट, आयरन और आर्सेनिक की जानकारी शामिल होंगी। इस दौरान गंगा नदी में गिरने वाले सीवर व गंदे नाले की भी जियो टैगिंग की जा रही है, जिससे नदियों के प्रदूषण को कम किया जा सके।
तीसरा: वृक्षारोपण- गंगा नदी के दोनों तटों पर दीर्घ आयु वृक्षों जैसे- बरगद, पीपल, नीम आदि के पौधों को स्थानीय लोगों की मदद से रोपित करना। साथ ही उसकी जियो टैगिंग करना, जिससे कभी भी और कहीं भी उसके बारे में जानकारी हासिल की जा सके। इससे नदी के कटाव पर रोक लगाने, वाटर लेबल बढ़ाने, पशु-पक्षियों को शरण देने और वायुमंडल को स्वच्छ बनाने में मदद मिलेगी।
चौथा: पब्लिक इंटरेक्शन- पदयात्रा के दौरान लोगों को गंगा को स्वच्छ रखने के लिए जागरूक करने और इसके लिए आवाज के लिए प्रेरित करना। लोगों को जागरूक करने के साथ ही सरकार और गंगा स्वच्छता समितियों को चेतनावस्था में लाना।
‘सबका साथ, गंगा हो साफ’ के स्लोगन के साथ प्रयागराज से पदयात्रा पर निकली मुंड माल परिक्रमा की टीम प्रयागराज से बलिया, बिहार, बंगाल में गंगासागर, इसके बाद वापसी करते हुए झारखंड, बिहार और फिर 101वें दिन यूपी के प्रयागराज के सच्चा बाबा आश्रम पहुंची। यहां होली खेली और इसके बाद कौशांबी, फतेहुपर, कानपुर, कन्नौज होते हुए फर्रूख़ाबाद पहुंची, जहां से एटा, अलीगढ़, गाजियाबाद, मेरठ, हरिद्वार के ऋषिकेष और फिर गोमुख से यूटर्न लेकर प्रयागराज वापसी होगी।
15 अगस्त तक पदयात्रा पूरी करने का लक्ष्य
नदियों के प्रति जागरुकता को समर्पित 6000 किमी. से ज्यादा लंबी मुंड माल गंगा परिक्रमा पदयात्रा प्रयागराज में समाप्त होगी। चुनौतीपूर्ण, साहसिक और शारीरिक गतिविधि वाली इस पदयात्रा को हर जगह स्थानीय लोगों का समर्थन मिल रहा है। मुंड माल गंगा परिक्रमा टीम का लक्ष्य है कि यह पदयात्रा करीब आठ महीने के समय में 15 अगस्त, 2021 को समाप्त हो।
विशेष नोट:- यह जानकारियां और तस्वीरें अतुल्य गंगा टीम में शामिल रोहित उमराव द्वारा प्रदान की गई हैं।