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SC में अब भी नहीं सुलझा जजों का विवाद: अटॉर्नी जनरल

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में जजों के बीच चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि अभी सुप्रीम कोर्ट में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है, उम्मीद है सबकुछ जल्द ठीक हो जाएगा। दरअसल चार जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद सुप्रीम कोर्ट की व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए। जस्टिस जे चेलमेश्वर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीजेआई पर कई सवाल खड़े किए। जस्टिस चेलमेश्वर और कुरियन जोसेफ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।

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वहीं मामलों के बंटवारे को लेकर सीजेआई पर मनमानी का आरोप लगाया गया। भले ही संवैधानिक उपबंधों के आधार पर सीजेआई के पास रोस्टर का अधिकार है। सीजेआई पर सवाल उठाए जाने के बाद से लगातार ये मामला तूल पकड़ता जा रहा है। कुछ लोग चार जजों को मीडिया के सामने आने को गलत बता रहे हैं तो वहीं सरकार इस मामले से किनारा करती नजर आ रही है।

बता दें कि इस मामले में बार काउंसिल ऑफ इंडिया और दिल्ली बार एसोसिएशन ने भी सीजेआई से मामले को जल्द सुलझाने की अपील की है। 10 दिनों में मामला न सुलझने पर दिल्ली बार एसोसिएशन ने सड़कों पर उतरने की बात भी कही है। संवैधानिक नियमों की बात करें शपथ ग्रहण के वक्त जज को जिस गोपनीयता की शपथ दिलाई जाती है। वो शपथ ये कहता है कि कोर्ट के अंदरूनी मामलों में गोपनीयता बरती जाएगी। अगर कोई इसका उल्लंघन करता है तो उसपर उचित कार्रवाई भी की जा सकती है। इस संबंध में राष्ट्रपति का आदेश जरूरी होता है। इसके अलावा कोर्ट अवमानना का केस उस व्यक्ति या पद पर बैठे जज के खिलाफ भी चलाया जा सकता है जिसने कोर्ट अवमानना की हो।

ऐसे मामलों में जजों के खिलाफ संवैधानिक कार्रवाई भी की जा सकती है। जिसके तहत महाभियोग भी आता है। महाभियोग प्रस्ताव का मतलब ये है कि अगर कोई जज कोई भी गैरकानूनी काम करता है और वो कदाचार का दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ राष्ट्रपति के आदेश पर संसद के दोनों सदनों में महाभियोग प्रस्ताव पेश किया जा सकता है। बशर्ते वो प्रस्ताव संसद के कुल सदस्यों की संख्या के बहुमत के बराबर या संसद के सदनों में मौजूद सदस्यों की 2/3 बहुमत से पारित हो। तब उस जज को पदमुक्त किया जा सकता है।

वैसे ये पहला मामला नहीं है जिसमें अदालत अवमानना का केस बन सकता है। इससे पहले भी जस्टिस कर्णन के खिलाफ ये केस चल चुका है और जहां तक महाभियोग प्रस्ताव की बात है तो पूर्व जज सौमित्र सेन के खिलाफ ये प्रस्ताव लाया जा चुका है। भले ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।

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