चंडीगढ़। अवैध खनन को लेकर घेरे में आई पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने इस समस्या से निकलने के लिए खुद ही रेत बेचने का फैसला लिया है। इसके लिए कैप्टन सरकार निगम बनाएगी और रेत खनन की नई पॉलिसी तैयार करने के लिए स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को चुन लिया गया है। बता दें कि कांग्रेस की सरकार बनने के बाद प्रदेश में अवैध खनन के मुद्दे ने पंजाब की राजनीतिक गलियों में खलबली मचा कर रख दी है। 26 अवैध खनन को रोकने का प्रयास, अब खुद रेत बेचेगी कैप्टन सरकार

सिद्धू जा रहे तेलंगाना

रेत को खुद बेचने का फैसला लेने के बाद सिद्धू पूरे सिस्टम को समझने के लिए तेलंगाना की यात्रा पर जा रहे हैं क्योंकि तेलंगाना ने रेत खनन के सिस्टम को सुधारकर उसके कारोबार को 1300 करोड़ के पार पहुंचा दिया है। तेलंगाना यात्रा को लेकर सिद्धू ने कैबिनेट सब कमेटी की मीटिंग के बाद बताया कि पिछली सरकारों ने रेत के कारोबार को जानबूझकर पेचीदा बनाया हुआ था ताकि एक गठजोड़ बनाकर सारा पैसा अपनी जेबों में डालते रहें। कमेटी ने सिफारिश की है कि सबसे पहले रेत की उपलब्धता का पता लगाया जाएगा।

इसके लिए आइआइटी रोपड़, आइआइटी कानपुर, आइआइटी दिल्ली व आइआइटी खडग़पुर की सेवाएं ली जाएंगी। हर आइआइटी को एक नदी दी जाएगी। पंजाब में सतलुज, ब्यास, रावी व घग्गर नदी से रेत निकलती है। सिद्धू ने बताया कि रेत के रेट फिक्स होंगे। रेत को खड्डों से निकालकर स्टॉक यार्ड में रखा जाएगा और जहां जरूरत होगी वहां भेजा जाएगा। इसकी ऑनलाइन बुकिंग भी की जा सकेगी। यह बुकिंग कोई भी व्यक्ति, संस्था या कंपनी कर सकेगी।

 

सिद्धू ने बताया कि रेत का नहीं, ट्रांसपोर्ट का माफिया है। इसको काबू करने के लिए रेत ढोने वाले सभी ट्रक एक ही रंग के होंगे जिसमें जीपीएस सिस्टम और रेडियो फ्रिक्वेेंसी आईडी सिस्टम लगाना अनिवार्य बनाया जाएगा। इससे पता चल सकेगा कि संबंधित ट्रक कहां से चला है और कहां जाना है। उन्होंने कहा कि लगभग ऐसे ही सिस्टम का 2014 में हुई कैबिनेट में फैसला लिया गया था लेकिन इसका नोटिफिकेशन ही जारी नहीं किया गया।