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देश में कम होने की बजाए बढ़ा दलितों पर अत्याचार, उत्तर प्रदेश अव्वल

dalit देश में कम होने की बजाए बढ़ा दलितों पर अत्याचार, उत्तर प्रदेश अव्वल

नई दिल्ली। देश की आजादी के 70 साल के बाद भी दलित समाज अभी भी हाशिए पर है, लेकिन दलित समाज को अपने राजनीति के केंद्र में रखने वाले हमारे राजनेता सिर्फ उनके वोट पाने के लालची है। उन्हें उनके ऊपर हो रहे अत्याचार कभी भी दिखाई नहीं देते। देश में दलितों के ऊपर हुए अत्याचारों को लेकर नेशनल क्राइम रेकॉर्ड ब्यूरो ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसके आकड़े चौकाने वाले हैं। आकड़ों के मुताबिक साल 2016 में दलितों के खिलाफ अत्याचार और अपराध के मामलों में 5.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल 2016 में दलितों पर हुए अत्याचार के कुल 40,801 मामले थानों में दर्ज हुए थे, जबकि 2015 में इनकी संख्या 38,670 थी।  आपको बता दें कि इस रिपोर्ट को खुद केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जारी किया है, जिसे उन्होंने भारत में अपराध-2016 नाम दिया है।

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रिपोर्ट के मुताबिक दलितों पर सबसे ज्यादा मामले उत्तर प्रदेश से सामने आए हैं, दलितों के खिलाफ हत्या और अपराध में बढ़ोतरी दर्ज कि गई है। साल 2016 में उत्तर प्रदेश में दलितों पर हुए अत्याचार के 10426 मामले दर्ज किए गए थे, लगभग पूरे देश में दलितों  के खिलाफ हुई हिंसा का ये लगभग 25.6 फीसदी। इसी के साथ राज्य हत्या के मामलों में भी साल 2016 के आकड़ो के मुताबिक सबसे ऊपर रहा है। देश में कुल दर्ज हत्या के मामलों में से 16.1 फीसदी मामले यूपी के ही हैं।  यूपी के साथ-साथ उसका पड़ोसी राज्य बिहार भी अपराधों का गढ़ है। बिहार दलितों पर अत्याचार के मामले में देश का दूसरा राज्य है। बिहार में साल 2016 में 5701 दलित उत्तपीडन के मामले दर्ज किए गए थे, लेकिन पिछले 2 साल के आकड़ों को देखे तो बिहार में दलितों के खिलाफ हिंसा के मामलों में कमी आई है।  साल 2014 में मामलो की संख्या 7886,जबकि साल 2015 में ये आखड़ा घटकर 6367 हो गया।

वहीं देश के सबसे समृद्धल राज्यों में गिने जाने वाले मध्यप्रदेश और राजस्थान दलितों पर अत्याचार के मामले में क्रमश तीसरे और चौथे नंबर पर है। राजस्थान में दलितों पर हुए अत्याचार के कुल 5134 मामले दर्ज हुए हैं। मतलब देश में हुए कुल दर्ज मामलों का 16.6 फीसदी। वहीं मध्य प्रदेश इस मामले में चौथे नंबर पर है. मध्य प्रदेश में कुल 4922 मामले दर्ज हुए हैं. आंकड़ों के मुताबिक मध्य प्रदेश में साल 2014 में 3294 मामले और 2015 में 3546 मामले दर्ज हुए थे। इसी के साथ 19 मेट्रोपॉलिटन सिटी पर नजर डालें तो दलितों के खिलाफ हुए हिंसा में लखनऊ पहले नंबर पर है। लखनऊ में कुल 262 मामले दर्ज किये गए हैं,वहीं पटना दूसरे और जयपुर तीसरे नंबर पर है।

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