प्रयागराज: माफिया अतीक अहमद ही नहीं, उसके साथ काम करने लोग भी बड़ी पकड़ और दबदबा रखते हैं। इसी का परिणाम है कि बिना पंचायत चुनाव के ही प्रधान पद का नतीजा आ गया है। कोई अन्य उम्मीदवार न होने के कारण निर्विरोध ही विजेता बना दिया गया।
रसूलपुर काजी से बना प्रधान
चुनाव कम से कम दो उम्मीदवारों के बीच होता है, लेकिन इस मामले में सामने कोई दावेदार ही न मिला। अतीक अहमद के गुर्गे आबिद प्रधान ने इस बार रसूलपुर काजी से पर्चा भरा था। उसके सामने कोई भी दावेदार ही नहीं आया, ऐसे में उसे निर्विरोध ही प्रधान बना दिया गया। लगातार चौथी बार प्रधान बनने वाला आबिद अतीक की गैंग का सदस्य रह चुका है, दो बार उसकी पत्नी और एक बार वह खुद इसके पहले प्रधान रह चुके हैं।
मिला है सरकारी गनर
प्रधान पद ही नहीं, आबिद को सरकारी गनर भी दिया गया है। राजू पाल हत्याकांड में वह अभियुक्त है, इसी मामले में अतीक अहमद और अशरफ भी आरोपी हैं। गनर दिए जाने के मामले में फूलपुर से भाजपा सांसद केसरी देवी ने भी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि आपराधिक मानसिकता रखने वाले लोगों को यह सुविधा देना बिल्कुल भी सही कदम नहीं है।
आबिद प्रधान के खिलाफ हत्या, अपहरण, रंगदारी मांगने, गुंडा एक्ट जैसे कई मामले दर्ज हैं। इन मामलों उसकी गिरफ्तारी और जेल भी हो चुकी है। इसके अलावा भगवतपुर ब्लाक के ही फुलवा गांव से शनि यादव भी निर्विरोध प्रधान चुने गए हैं, वह सपा नेता के भतीजे हैं। प्रधान चुनने के लिए ग्रामीणों ने आपस में पंचायत की और सर्वसम्मति से शनि को प्रधान चुन लिया गया। किसी ने भी खिलाफ में पर्चा दाखिल नहीं किया।
15 अप्रैल से है चुनाव
उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव आगामी 15 अप्रैल से शुरु हो रहे हैं। इस बार कुल चार चरण में वोट डाले जाने हैं, चुनाव के नतीजे 2 मई को आयेंगे। चुनाव आयोग ने पहले चरण की तैयारी पूरी कर ली है, सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ कोविड से बचने के भी इंतजाम किए गए हैं।