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अटल, मनमोहन, प्रतिभा, प्रणब को खाली करने पड़ सकते हैं अपने सरकारी बंगले

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नई दिल्ली।  उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव के शासन काल में बनाए गए पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी आवास मिलने संबंधी बनाए गए कानून को लेकर लोक प्रहरी नाम के एक एनजीओ ने नेताओं के सरकारी आवास खाली करने को लेकर एक याचिका दायर की थी। इस याचिका के बाद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपयी, मनमोहन सिंह, पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटील, प्रणब मुखर्जी और एचडी देवगौड़ा पर सरकारी आवास को खाली करने को लेकर तलवार लटक रही है। दरअसल भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल और न्याय मित्र गोपाल सुब्रह्मण्यम ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर अपनी रिपोर्ट सौंपी है। avas अटल, मनमोहन, प्रतिभा, प्रणब को खाली करने पड़ सकते हैं अपने सरकारी बंगले

बता दें कि अगर सुप्रीम कोर्ट इस रिपोर्ट पर अपनी मुहर लगा देता है तो आने वाले समय में देश के कई पूर्व और दिग्गज नेताओं का अपना बंगला खाली करना पड़ेगा। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस नवीन सिन्हा की बेंच ने 23 अगस्त 2017 को पूर्व सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रह्मण्यम को इस मामले में न्याय मित्र नियुक्त किया था। जस्टिस गोगोई और जस्टिस आर. भानुमति की बेंच 16 जनवरी को इस मामले पर सुनवाई करेगी। इस मामले को लेकर कोर्ट की खंडपीठ ने कहा था कि इस याचिका में जो सवाल उठाए गए हैं वो जनता के हित से जुड़े हुए हैं। बेंच ने एमीकस क्यूरी सुब्रह्मण्यम को इस मामले पर अपनी रिपोर्ट देने को कहा था।

वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रह्मण्यम का कहना है कि संवैधानिक पदों से मुक्त होने के बाद ये शीर्ष नेता आम लोगों की तरह हो जाते हैं। ऐसे में उन्हें सरकारी आवास छोड़ना चाहिए. सुब्रह्मण्यम ने सरकारी आवास को संग्रहालय बनाए जाने का भी विरोध किया है। उनके मुताबिक, सरकारी संपत्ति को किसी नेता के निधन के बाद उनके सम्मान में संग्रहालय के रूप में बदलना नहीं चाहिए।

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