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अटल जी मानवतावाद व सहिष्णुता के सिद्धांतों पर अडिग रहे: उपराष्ट्रपति

venkaiya naidu atal bihary अटल जी मानवतावाद व सहिष्णुता के सिद्धांतों पर अडिग रहे: उपराष्ट्रपति
  • संवाददाता, भारत खबर

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति, एम. वेंकैया नायडू ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। आज कोलकाता के रवींद्रनाथ टैगोर केंद्र में पूर्व प्रधानमंत्री के चित्र का अनावरण करते हुए उन्होंने कहा कि वाजपेयी जी ने सभी को निस्वार्थ भाव से देश की सेवा करने और मानवतावाद और सहिष्णुता के सिद्धांतों पर अड़िग रहना सिखाया।

वाजपेयी को एक राजनेता और दूरदर्शी व्यक्ति बताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि वे न केवल देश के सबसे बड़े नेताओं में से एक थे, बल्कि सबसे पसंदीदा नेताओं में भी शामिल थे। उनका विनम्र जीवन, देश और उसके लोगों के प्रति प्यार और देश के लिए बड़े सपने देखने की क्षमता सभी के लिए प्रेरणादायक है।

नायडू ने वाजपेयी के साथ अपने लंबे संबंधो के बारे में विस्तार से बात करते हुए कहा कि उन्हें वाजपेयी के साथ पार्टी में काम करने और बाद में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से ग्रामीण संपर्क क्रांति को आकार देने के बारे में एक मंत्री के रूप में भी उनके साथ काम करने का अवसर प्राप्त हुआ।

उन्होंने कहा कि अटल जी ने यह दर्शाया है कि सुशासन के माध्यम से किस प्रकार लोकतंत्र को मजबूत किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि वाजपेयी ने देश में ’कनेक्टिविटी’ क्रांति की शुरुआत की थी। वाजपेयी ने राष्ट्रीय राजमार्गों, ग्रामीण सड़कों, हवाई यात्रा के बुनियादी ढांचे तथा दूरसंचार क्षेत्र का बड़े पैमाने पर विस्तार करने में अभूतपूर्व उत्साह दिखाया। वे आर्थिक विकास और राष्ट्रीय विकास के प्रमुख प्रवर्तक भी थे।

भारत के स्वतंत्र होने के बाद की घरेलू और विदेश नीति को आकार देने में वाजपेयी की सक्रिय भूमिका के बारे में उपराष्ट्रपति ने कहा कि वे दूरंदेशी तथा प्रगति करने वाले भारत में विश्वास करते थे। वे देश को अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में सही स्थान पर स्थापित करने के प्रति आश्वस्त थे। नायडू ने कहा कि वाजपेयी जी का यह दृढ़ विश्वास था कि भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने का वैध अधिकार प्राप्त है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि अटल जी में जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों और अलग-अलग वैचारिक दल के राजनीतिक दलों के साथ जुड़ने की जबर्दस्त क्षमता थी। उनका कोई शत्रु नहीं था और उन्हें अजातशत्रु कहा जाता था। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ पश्चिम बंगाल के विज्ञान, प्रौद्योगिकी, जैव प्रौद्योगिकी तथा वन विभागमंत्री ब्रत्यबसु, सांसद और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के अध्यक्ष, डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे तथा भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के महानिदेशक अखिलेश मिश्रा भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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