भारत रत्न और देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज दूसरी पुण्यतिथि है। 2018 में आज के ही दिन यानी 16 अगस्त को अटल बिहारी वाजपेयी इस दुनिया को विदा हो गए थे। आज राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री से लेकर पूरा देश आज उन्हें श्रद्धांजलि दे रहा है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल समाधि स्थल ‘सदैव अटल’ जाकर पूर्व पीएम को श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम ने ट्वीट कर कहा कि देश के विकास में आपके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। उनके निधन की खबर से पूरे देश में दुःख की लहार दौड़ पड़ी थी। वह भारतीय राजनीति के उन चंद नेताओं में से हैं जो कभी दलगत राजनीति के बंधन में नहीं बंधे और उन्हें हमेशा ही सभी पार्टियों से भरपूर प्यार व स्नेह मिला। यहां तक कि जम्मू-कश्मीर में भी वह सबसे लोकप्रिय नेता रहे हैं। 80 और 90 के दशक में पैदा या बड़े हुए हर शख्स के मनपसंद नेता की लिस्ट में अटल जी का नाम सबसे ऊपर रहा है। आज हम आपको उनकी जिंदगी के बारे में कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जो बहुत कम लोगों को पता हैं।
अटल जी ने बदली राजनीति की दिशा: शिवराज
शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व पीएम को याद करते हुए कहा कि भारत की राजनीति की दिशा अगर किसी ने बदली थी तो वो अटल जी ने बदली थी। उस समय कल्पना नहीं कर सकते थे कि नेहरू जी की टक्कर में कोई खड़ा हो सकता है, कांग्रेस के विरोध की कल्पना ही बड़ी कठिन थी। तब प्रखर राष्ट्रवाद की पताका लेकर अटल बिहारी वाजपेयी बढ़े थे।
शादी पर खुलकर देते थे जवाब
आपको बता दें कि अटल जी ने शादी नहीं की थी। और उनकी शादी को लेकर अक्सर सवाल भी पूछे जाते थेलेकिन वो हमेशा शादी के सवाल का हसंकर जवाब देते थे। वो इस सवाल पर कभी परेशान नहीं होते थे। उनकी शादी का सवाल एक बार उनसे सदन में भी पूछा गया था और उन्होंने बड़ी संयम के साथ इस बात का मुश्कुराते हुए जवाब दिया था। उनके करीबी लोग तो ये भी कहते हैं कि उन्होंने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के लिए आजीवन अविवाहित रहने का निर्णय लिया था।
अटल का सादगी भरा जीवन
अटल बिहारी वाजपेयी का पैतृक गांव यूपी के बटेश्वर में था, हालांकि उनका जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में हुआ था। ग्वालियर के ही विक्टोरिया कॉलेज से उन्होंने पढ़ाई की। अगर उनके पूरे जीवन पर नजर डालें तो उनका जीवन राजनीति, कविता और सादगी के बीच बीता। हालांकि लोगों के जेहन में ये बात भी आती है कि कभी शादी क्यों नहीं की, जिसका सही-सही जवाब और ठोस कारण किसी को नहीं पता। हालांकि इस बारे में वह खुद सदन में विपक्ष के हमलों के बीच अपने अविवाहित होने का बारे में बड़ी ही साफगोई के साथ ये बता चुके हैं, ‘मैं अविवाहित जरूर हूं, लेकिन कुंवारा नहीं।’
3 बार प्रधानमंत्री बने अटल
3 बार देश के प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी का लंबी बिमारी के बाद 16 अगस्त 2018 को दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया था। उनके निधन के बाद दिल्ली में ही अटल समाधि स्थापित की गई थी। वाजपेयी पहले ऐसे गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया था। वह 1996 में 13 दिन, 1998 में 13 महीने और फिर 1999 में पूरे 5 साल तक देश के प्रधानमंत्री रहे।
अटल की किताब में महिला मित्र का जिक्र
अटल जी के बारे में कहा जाता है कि कॉलेज के दिनों में उनकी एक महिला मित्र राजकुमारी कौल हुआ करती थीं, जो अपने आखिरी समय तक अटल जी के साथ रही थीं। दोनों ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज (लक्ष्मीबाई कॉलेज) में साथ पढ़ते थे। अटल जी पर लिखी गई किताब ‘अटल बिहारी वाजपेयीः ए मैन ऑफ आल सीजंस’ में इस बात का जिक्र है।