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इस हफ्ते मंगल ग्रह पर लगने जा रहा मेला जानिए क्यों है खास?

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मंगल ग्रह के रहस्यों को जानने के लिए वौज्ञानिक हो या फिर कोई आम इंसान सभी बेहद उत्सुक रहते हैं। यही कारण है कि, जैसे ही मंगल ग्रह से जुड़ी हुई कोई जानकारी आती है। वैसे ही लोग चर्चा करने लगते है। वहां पर बस्ती बसाने के सपने देखने लगते हैं। दुनियाभर के वैज्ञानिकों की तरफ से जिस तरह से मंगल ग्रह को लेकर प्रयास किये जा रहे हैं। उसे देखकर लगता है कि, बहुत जल्द मंगल ग्रह पर वैज्ञानिकों को सफलता मिल जाएगी। इसी सफलता को पाने के लिए इस हफ्ते मंगल ग्रह पर दुनिया की कई स्पेस एजेंसियां एक साथ पहुंच रही है।
मंगल ग्रह पर इस हफ्ते अमेरिका, चीन और संयुक्त अरब अमीरात जैसे मुल्क मानवरहित अंतरिक्षयानों को पर पहुंचा रहे हैं। जहां पर इस सभी देशों से अंतरिक्ष मंगल ग्रह पर जीवन की तलाश करेंगे।

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अमेरिका अपनी तरफ से, कार के आकार का छह पहियों वाला रोवर भेजने वाला है जिसका नाम ‘पर्सवीरन्स’ है जो ग्रह से पत्थर के नमूने धरती पर लाएगा और फिर उसकी जांच करेगा।सभी अंतरिक्षयानों को अगले फरवरी में मंगल तक पहुंचने से पहले 48.30 करोड़ किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय करनी होगी। इस लंबी यात्रा के बाद मंगल ग्रह के कई सारे रहस्य खुलेंगे।

दुनिया के कई देश के वैज्ञानिक यह जानना चाहते हैं कि अरबों वर्ष पहले मंगल ग्रह कैसा था जब वहां नदियां, झरने और महासागर हुआ करते थे जिनमें सूक्ष्म जीव रहते थे। यह ग्रह अब बंजर, मरुस्थल के रूप में तब्दील हो गया है। मंगल ग्रह की इस स्थिति की ही जाच करने के लिए ये देश अपने यान यहां भेज रहे हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि, मंगल ग्रह के रहस्यों को जानने के लिेये कई सालों से मेहनत की जा रही है। लेकिन वैज्ञानिकों को इसमें सिर्फ असफलता ही मिली है।

केवल अमेरिका मंगल तक अपना अंतरिक्षयान सफलतापूर्व पहुंचा पाया है। वह 1976 में वाइकिंग्स से शुरूआत करके आठ बार ऐसा कर चुका है। नासा के इनसाइट और क्यूरियोसिटी इस समय मंगल पर हैं । छह अन्य अंतरिक्ष यान केंद्र से ग्रह का अध्ययन कर रहे हैं । इनमें से तीन अमेरिका , दो यूरोप और एक भारत का हैऔर अब इस दौड़ में संयुक्त अरब अमीरात और चीन भी इसमें शामिल होना चाहते हैं।

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यूएई का अंतरिक्षयान ‘अमल’ बुधवार को जापान से उड़ान भरेगा। इसके बाद चीन का नंबर होगा जो एक रोवर और ऑर्बिटर को 23 जुलाई के आस-पास मंगल पर भेजेगा। इस तरह मंगल ग्रह पर अलग-अलग देशों के अंतरिक्ष देखने को मिलेंगे। आपको जानकर हैरानी होगी कि आज तक एक साथ इतने देशों के यान मंगल ग्रह पर नहीं पहुंचे हैं। एक साथ कई देशों के यान मंगल ग्रह पर पहुंचने से मंगल ग्रह में सफलता मिल सकती है।

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