लखनऊ। उत्तर प्रदेश में प्रचंड बहुमत से सरकार बनाने वाली योगी सरकार एक के बाद एक ताबड़तोड़ फैसले ले रही है। इसी क्रम में गोमती रिवर फ्रंट में अनियमितता के मामले में योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सहायक इंजीनियर अनिल कुमार यादव को सस्पेंड कर दिया है। अनिल कुमार यादवपर प्रोजेक्ट में घोटाले का आरोप लगा है।
जब सीएम योगी ने किया था औचक निरीक्षण:-
इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने मार्च के महीने में गोमती रिवर फ्रंट का औचक निरीक्षण किया था। सीएम योगी ने वहां पहुंचकर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की थी। गी ने रिवर फ्रंट के बजट को लेकर सभी विभागों के अधिकारियों से चर्चा की और नदी में गिर रहे नाले पर सवाल उठाते हुए कहा था कि आखिर ये नाला गोमती नदी में क्यों गिर रहा है। इसके साथ ही योगी ने अधिकारियों को आदेश दिया था कि ये गंदा नाला गोमती में ना गिरे।
लगाई थी अधिकारियों की क्लास:-
समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने आला अधिकारियों को लाइन हाजिर करते हुए से पूछा था कि गोमती का पानी क्यों गंदा है? क्या सारे पैसे पत्थरों में लगा दिए? आखिर प्रोजेक्ट की लागत इतनी ज्यादा क्यों हुई? योगी ने अधिकारियों को गोमती नदी को साफ करने की डेड लाइन मई तक दे दी है। इसके साथ ही योगी ने कहा कि रिवर फ्रंट परियोजना में 6 किमी नदी को 3 मीटर गहराई में गहरा किया गया है लेकिन कागज पर इतनी मिट्टी निकली तो फेंकी कहां गई?
जानिए क्या है गोमती रिवर फ्रंट और इसकी खासियत?
-गोमती रिवर फ्रंट यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट है जिसकी शुरुआत 16 नवंबर 2016 को हुई थी।
-रिवर फ्रंट के को लखनऊ में के गोमती नगर में गोमती नदी के तट पर बनाया गया है।
-गोमती नदी के दोनों तटों का सौंदर्यीकरण, किनारे में जॉगिंग ट्रैक, किड्य प्ले एरिया, स्टेडियम, फाउंटेन, और खूबसूरत लाइटिंग की व्यवस्था की गई है।
-ये रिवर फ्रंट कुड़िया घाट से लेकर लामार्टिनियर स्कूल तक 12.1 किलोमीटर का रिवरफ्रंट बना है।
-इस पर 3,000 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। लंदन के थेम्स नदी की तर्ज पर इसे बनाया जा रहा है। हालांकि इसे मार्च 2017 में पूरा होना था लेकिन अभी भी काम चल रहा है।