रांची – पश्चिम बंगाल में विधान सभा चुनाव को लेकर आज झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि पार्टी पश्चिम बंगाल में विधान सभा चुनाव नहीं लड़ेगी। गौरतलब है कि अभी कुछ दिनों पहले भी महाराष्ट्र में सत्ताधारी पार्टी शिवसेना ने भी पश्चिम बंगाल में चुनाव न लड़ने का फैसला लिया था।
पार्टी ने लिया ममता को समर्थन देने का फैसला –
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि ममता बनर्जी ने उन्हें फ़ोन कर समर्थन देने का आग्रह किया था। बाद में एक पत्र भी लिखा गया जिसमे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पश्चिम बंगाल में चुनाव न लड़ने का आग्रह किया गया था। इस पर चर्चा हुई और बाद में ममता जी को समर्थन देने की घोषणा की गई है। हमारी पार्टी चुनाव नहीं लड़ेगी। आज के जो राजनीतिक हालात हैं वैसी स्थिति में अगर सांप्रदायिक ताकत वहां काबिज होती है और हम भी इसके कारण बने तो यह ठीक नहीं होगा। इसी कारण से सीएम ममता को समर्थन देने का निर्णय लिया गया है।
टीएमसी की प्रतिद्वंदी कांग्रेस भी ममता के साथ –
बता दे कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी की प्रतिद्वंदी पार्टी कांग्रेस भी ममता बनर्जी को समर्थन कर रही है। कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में लेफ्ट और आईएसएफ के साथ गठबंधन किया है। पश्चिम बंगाल में विधानसभा की कुल 294 सीटों पर 27 मार्च से आठ चरणों में वोट डाले जाएंगे। नतीजों की घोषणा दो मई को होगी। एक तरफ ये सभी पार्टिया, किसानो का ‘नो वोट तो बीजेपी’ अभियान और अब जेएमएम का ममता को समर्थन से साफ़ ज़ाहिर होता है कि अब पश्चिम बंगाल में केवल दो ही पार्टियों की टक्कर है,बीजेपी और टीएमसी। बता दे कि इससे पहले लालू यादव की पार्टी आरजेडी, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ममता का समर्थन कर चुके हैं, और अब जेएमएम। ऐसा लगता है की अब पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव को लेकर कुछ और ही समीकरण बनने वाले है।