featured देश राज्य

विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ कराना बढ़ा सकता है मोदी की मुश्किलें

pm modi

नई दिल्ली। साल 2003 से बीजेपी गुजरात में नरेंद्र मोदी के नाम से चुनाव लड़ती आ रही है और जीतती भी आ रही है। फिर चाहे वो आम चुनाव हो या राज्यों में होने वाले चुनाव बीजेपी का एक ही चेहरा होता है चुनाव जीतने का मोदी और यही आगे भी जारी है। राज्यों में कोई भी चुनाव सीएम पद के दावेदारों के नाम पर नहीं लड़ा गया। भले ही वो प्रचार में रहे हो लेकिन मुख्य भूमिका मोदी की ही होती है। मोदी अपनी पार्टी में बाहुबली का भूमिका निभाते हैं जबकि बाकी लोगों का काम साइड एक्टर्स जैसा होता है।

pm modi
pm modi

हालांकि चुनाव में मोदी का प्रभाव तभी बनता है जब वो खुद सामने आकर सभाओं को संबोधित करते हैं। लेकिन अब मोदी ये समझ गए हैं कि जनता से संवाद का विकल्प चाय पर चर्चा नहीं बन सकती और न ही थ्री-डी संबोधन शायद इसलिए 2014 की यह मोदी ने आगे के चुनावों में नहीं आजमायी।

बता दें कि मोदी नौ राज्यों में विधानसभा चुनावों के लिए अवतरित होते रहे। 125 से ज्यादा बड़ी रैलियां उन्होंने कीं। इसमें सर्वाधिक रैलियां कीं बिहार में, सबसे कम जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में। मोदी की ये कोशिशें रंग लाईं और कुछ राज्यों को छोड़ दें तो आज के समय में बीजेपी लगभग पूरे भारत में सत्तासीन नजर आती है। आने वाले दिनों में चुनाव भले ही गुजरात और हिमाचल प्रदेश में है, पर इसकी सरगर्मी पूरे देश में महसूस की जा रही है। सूत्रों की मानें तो मोदी अपने गृहराज्य गुजरात में वर्तमान राजनीतिक माहौल को देखते हुए विधानसभा चुनाव के मतदान से पहले 50 रैलियां कर सकते हैं। इस वर्ष जनवरी से अबतक वो 10 बार गुजरात जा चुके हैं। वो हिमाचल भी जाएंगे और इसकी शुरुआत 29 अक्टूबर को आमसभा से हो जाएगी।

वहीं प्रधानमंत्री बनने के बाद से मोदी लगातार कहते रहे हैं कि देश का काफी वक्त और पैसा राज्यों और केंद्र के अलग अलग समय पर होने वाले चुनाव में खर्च हो जाता है। उन्होंने सुझाव दिया है कि राज्यों का चुनाव और केंद्र में सरकार चुनने के लिए मतदान एकसाथ होने चाहिए। लेकिन प्रधानमंत्री को ये नहीं पता कि उनका ये फैसला उनको ही नुकसान पहुंचा सकता है। इसकी वजह है कि एक चेहरा और प्रचार व्यवस्था और मोदी अपनी पार्टी का एकमात्र ऐसा चेहरा है जो उनकी पार्टी को चुनाव में जीत दिलाने में सबसे ज्यादा मदद करता है। अगर चुनाव एक साथ हुए तो मोदी का काम बढ़ जाएगा उनको एक साथ कई राज्यों में हजारों की तादात में रैलियां करनी पड़ेगी जो उनके लिए काफी मुश्किल होगा।

Related posts

लाहौर यात्रा पर पीएम मोदी बोले: अच्छे रिश्ते की बुनियाद रखने गया था

bharatkhabar

गुप्त सूचना के आधार पर सुरक्षाकर्मियों ने गांव को घेरा, आतंकियों के होने की आशंका

Pradeep sharma

हरिद्वार: गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी का स्नान रद्द, सील रहेंगी जिले की सीमाएं

pratiyush chaubey