असमःएनसीआर को अपडेट करने की कार्रवाई 15 अगस्त 1985 के असम समझौता के आलोक में हो रही है। बता दें कि प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार एवं कोर्ट की देखरेख में हो रही है। कोर्ट ने कहा कि मैं सभी को आश्वस्त कराना चाहता हू कि NRC के Exercise को पूरी तरह से objective, transparent एवं meticulous तरीके से किया जा रहा है।
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सभी व्यक्तियों को कानून के तहत उपाय प्राप्त करने का पर्याप्त अवसर उपलब्ध रहेगा
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट इस प्रक्रिया पर नजर रख रहा है। प्रक्रिया के सभी स्टेज पर सभी लोगों को सुनने का पूरा मौका दिया गया है। इस पूरी प्रक्रिया को कानून के अनुसार करते हुए due procedure को फॉलो किया जा रहा है।आगे भी इसी प्रकार से किया जायेगा। हम यह सुनिश्चित करेंगें कि हर व्यक्ति को न्याय मिले और मानवीय उपचार मिले। सभी व्यक्तियों को कानून के तहत उपाय प्राप्त करने का पर्याप्त अवसर उपलब्ध रहेगा।
ड्राफ्ट प्रकाशित के बाद शिकायत और विरोध के लिए पर्याप्त अवसर उपलब्ध रहेगा
सरकार यह स्पष्ट करना चाहती है कि 30 जुलाई को प्रकाशित किया जाने वाला एनसीआर सिर्फ ड्राफ्ट है। ड्राफ्ट प्रकाशित के बाद शिकायत और विरोध के लिए पर्याप्त अवसर उपलब्ध रहेगा। सभी दावे और विरोध को दो बार परखा जाएगा। दावा और विरोध के डिसपोजल के पहले भी सभी व्यक्तियों को अपनी बात रखने का पर्याप्त अवसर मिलेगा। उसके उपरांत ही फाइनल एनसीआर पेश किया जाएगा।जो भी व्यक्ति दावे और आपत्ति के नतीजों से संतुष्ट नहीं होंगे। उन्हें foreigners tribunal में appeal करने का अधिकार नागरिकता नियम में दिया गया है। इसलिए एनसीआर के प्रकाशन के बाद किसी को detention centre में रखने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता।
किसी भी व्यक्ति को किसी भी तरह से परेशान करने की इजाजत नहीं दी जाये
केंद्र सरकार को कहा गया है कि किसी भी परिस्थिति में Law & Order maintain करें और यह भी सुनिश्चित करें कि किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत न दें। किसी भी व्यक्ति को किसी भी तरह से परेशान करने की इजाजत नहीं दी जाये। सभी की सुरक्षा की कारगर व्यवस्था की जाये तथा किसी को भय या आशंका फैलाने न दिया जाये। केन्द्र सरकार असम की सरकार को सभी सहायता उपलब्ध कराने के लिए तैयार है।