नई दिल्ली: भारत के अनुभवी टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना और दिविज शरण की जोड़ी ने भारत को स्वर्ण पदक दिलाया। बोपन्ना और शरण की जोड़ी ने पुरुष युगल वर्ग के फाइनल में खिताबी जीत हासिल करने के साथ ही स्वर्ण पदक अपने नाम किया। भारतीय जोड़ी ने खिताबी मुकाबले में कजाखस्तान की एलेक्जेंडर बुबलिक और डेनिस येवसेव की जोड़ी को 52 मिनटों के भीतर सीधे सेटों में 6-3, 6-4 से मात देकर जीत हासिल की।
एशियाड डबल्स में पांचवां गोल्ड मेडल
एशियाई खेलों में टेनिस की पुरुष युगल स्पर्धा में भारत को मिला यह पांचवां स्वर्ण पदक है। वहीं बोपन्ना ने पहली बार एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता है, वहीं शरण ने 2014 में युकी भांबरी के साथ पुरुष युगल स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था। मौजूदा खेलों में टेनिस में यह भारत का पहला स्वर्ण है। इससे पहले सोमदेव देववर्मन और सनम सिंह ने डबल्स में साल 2010 ग्वांग्झू एशियाड में पीला तमगा जीता था।
कजाखस्तान ने किया पलटवार
पहले सेट में भारतीय जोड़ी ने अच्छी शुरुआत की। उन्होंने कजाखस्तान के खिलाफ 3-0 से बढ़त बना ली थी। हालांकि प्रतिद्वंद्वी टीम ने अच्छी वापसी की और अपनी स्कोर 5-3 किया। यहां बोपन्ना और शरण की जोड़ी ने एक गेम जीतने के साथ ही पहले सेट को 6-3 से अपने नाम कर लिया। दूसरे सेट में भारतीय जोड़ी को संघर्ष करते देखा गया था। 2-1 से पिछड़ने के बाद बोपन्ना और शरण ने एक गेम जीतते हुए अपना स्कोर कजाखस्तान की जोड़ी के खिलाफ 3-3 से बराबर कर लिया।
बोपन्ना और शरण का दमदार खेल
बोपन्ना और शरण की टीम ने इसके बाद फिर से शानदार वापसी करते हुए खेल में अच्छी वापसी की और 4-3 से बढ़त हासिल कर ली। इसके बाद अपनी इस लय को बरकरार रखते हुए भारतीय जोड़ी ने दूसरे सेट को 6-4 से अपने नाम कर स्वर्ण पदक जीता।