नई दिल्ली: राजस्थान विधानसभा चुनाव के परिणाम के रूझान सभी 199 सीटों पर आ गए हैं, जिसमें कांग्रेस सरकार बनाती नजर आ रही है. प्रदेश में 200 विधानसभा सीटों में 199 सीटों पर वोटिंग हुई है और 2274 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. अशोक गहलोत ने राहुल को शरुआती रुझान के हिसाब से जीत का श्रेय दिया है।
राहुल गांधी कीमेहनत का नतीजा
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से जब अगले मुख्यमंत्री को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा- ‘मुख्यमंत्री के मामले में आपके सामने कुछ नहीं कहूंगा.’ पार्टी की बढ़त का क्रेडिट उन्होंने राहुल गांधी को देते हुए कहा कि यह उनकी मेहनत का नतीजा है. गहलोत आश्वस्त हैं कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी.
जब उनसे पूछा गया कि कार्यकर्ता आपको मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं तो उन्होंने जवाब दिया कि परिणाम आने के बाद तय होगा कि स्थिति क्या बनती है. कांग्रेस सरकार की ही बनेगी, ये तय है.
राजस्थान में पिछले दो दशक से हर चुनाव में सत्ता परिवर्तन देखने को मिला है. राज्य की जनता का रुझान एक बार फिर कांग्रेस की ओर दिख रहा है, जिसके चलते यह परंपरा बरकरार रह सकती है. हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जीत के कीर्तिमान स्थापित करती जा रही भारतीय जनता पार्टी ने इस बार इतिहास बदलने के दावे जरूर किए, लेकिन वह महज चुनावी उद्घोष ही बनकर रह गए.
एग्जिट पोल में दिख रहे थे आसार
मौजूदा चुनाव नतीजों से एक बात ये भी स्पष्ट होती दिख रही है कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ जिस गुस्से की बात की जा रही थी और एग्जिट पोल में कांग्रेस द्वारा क्लीन स्वीप करने के जो आंकड़े सामने आ रहे थे, नतीजे वैसे देखने को नहीं मिल रहे हैं. राजस्थान में चुनाव प्रचार के दौरान भले ही ‘मोदी से बैर नहीं, वसुंधरा तेरी खैर नहीं’ जैसे नारों की गूंज सुनाई दी हो, लेकिन बीजेपी के प्रदर्शन को सम्मानजनक माना जा रहा है.
दरअसल, 2003 और 2008 और 2013 के चुनावी नतीजों को देखा जाए हर चुनाव में सत्ता परिवर्तन हुआ, लेकिन बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीटों का अंतर दिलचस्प रहा है. 2003 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 120 सीटें मिली थीं और वसुंधरा राजे के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बनी थी. राजे ने पहली बार राज्य की कमान संभाली थी. इसके बाद 2008 के चुनाव हुए तो कांग्रेस को 96 सीटें मिलीं और बीजेपी 78 सीटों के साथ बहुमत से 23 सीट दूर रह गई.