नई दिल्ली। उत्तरी कश्मीर की बर्फीली हिमालयी पहाड़ियों में 13 हजार फुट की उंचाई पर 4 आतंकियों को मार गिराकर देश की मिट्टी के लिए शहीद होने वाले हवलदार हंगपन दादा की पत्नी को राजपथ पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अशोक चक्र से सम्मानित किया। अशोक चक्र शांतिकाल में दिया जाने वाला सर्वोच्च सैन्य सम्मान है।
बता दें कि साल 2016 में मई को जम्मू-क्श्मीर के कुपवाड़ा जिले के नौगाम सेक्टर में दादा की टीम को आतंकियों का पीछा करने और उन्हें पकड़ने का जिम्मा सौंपा गया था। जब वो आतंकियों का पीछा कर रहे थे उस समय़ सेना के ठिकानों से संपर्क टूट गया था, हालांकि फिर भी दादा मैदान में डटे रहे और 13 हजार फुट के बर्फीले पहाड़ पर आतंकियों के निकलने का रास्ता रोक दिया। दादा एक ऐसे जाबांज योद्धा थे जिन्होंने अकेले ही 4 आतंकियों को मार गिराया।
इसी बीच आतंकवादियों ने टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। आतंकवादियों की तरफ से हो रही भारी फायरिंग की वजह से दादा की टीम आगे नहीं बढ़ पाई।
कहां के रहने वाले हैं हंगपन?
अरुणाचल प्रदेश के बोदुरिया गांव के रहने वाले हवलदार हंगपन अपनी टीम में ‘दादा’ के नाम से जाने जाते थे। वह पिछले साल हाई माउंटेन रेंज में तैनात थे। बता दें कि दादा साल 1997 में आर्मी की असम रेजीमेंट के जरिए आर्मी में शामिल हुए थे। बाद में 35 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात किए गए।