नाबालिग के साथ यौन उत्पीड़न मामले में धर्मगुरू आसाराम को जोधपुर कोर्ट ने दोषी करार दे दिया है। आसाराम लगभग साढ़े चार साल से जोधपुर जेल में बंद है। मामले में आसारेम समेत दो अन्य लोगों शरत चंद और शिल्पी को भी दोषी करार किया गया है। वहीं मामले में दो आरोपी शिवा और प्रकाश को कोर्ट ने बरी कर दिया है।
2013 में उनके ही गुरुकुल में रहने वाली एक नाबालिग लड़की ने आसाराम पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। दो दिन बाद ही लड़की के पिता ने दिल्ली जाकर पुलिस में इस मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई। केस पर पॉक्सो एक्ट लगाया गया। इसके बाद लड़की का मेडिकल टेस्ट कराया गया और मामला राजस्थान पुलिस को ट्रांस्फर कर दिया गया।
इस मामले में लगभग 5 साल से जेल में बंद आसाराम की तरफ से 12 जमानत याचिकाएं डाली गई लेकिन कोर्ट ने सभी अर्जियां खारिज कर दी थी। ट्रायल कोर्ट से छह जबकि राजस्थान हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की तरफ से 3-3 याचिकाएं खारिज कर दी गई थी।
ये दिग्गज वकील लड़ चुके हैं आसाराम का केस
आसाराम को राम जेठमलानी, सुब्रह्मण्यम स्वामी, सलमान खुर्शीद, के. के. मनन, राजु रामचंद्रन, सिद्धार्थ लूथरा, के. एस. तुलसी सहित देश के कई जाने माने वकील आसराम का केस लड़ चुके हैं लेकिन सभी उसके जमानत दिलाकर बाहर निकालने में असफल साबित हुए हैं।
असाराम पक्ष को 30 जनवरी 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने जबर्दस्त फटकार लगाई थी। कोर्ट ने मेडिकल ग्राउंड पर आधारित जमानत याचिका कारिज करते हुए एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम के स्वास्थ्य से जुड़े फर्जी दस्तावेज पेश करने के मामले में नई एफआईआर भी दर्ज करने के निर्देश दिए।