नई दिल्ली। 1 जुलाई से देश भर में एक टैक्स लागू करने यानि की जीएसटी को लागू करने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली कमर कस चुके हैं। सदन में जेटली केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए जीएसटी के फायदों से सांसदों को अवगत करा चुके हैं। इसी बीच अरूण जेटली आज जीएसटी के मुद्दे पर राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे। यूपी की तरफ़ से वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल शामिल होंगे।
जीएसटी की नई दरों से ग्राहकों को मिलेगी राहत
अप्रत्यक्ष करों के सबसे बड़े सुधार को कार्यान्वित करने की दिशा में सरकार द्वारा जरूरी वस्तुओं के लिए चार स्तरीय कर ढांचे (5, 12, 18 और 28 प्रतिशत) की घोषणा पर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग से जुड़ी कंपनियों ने कहा है कि इससे ग्राहकों पर करों के व्यापक प्रभाव दूर होंगे, और इससे उत्पादों की कीमतों में दक्षता आएगी। कंपनियों ने कहा है कि पूर्ण रूप से जीएसटी ज्यादातर उद्योगों और खासतौर पर ई-कॉमर्स के लिए निर्णायक साबित होगी।
अनमोल बेकर्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक गोबिंद राम चौधरी ने कहा, “हम देश के अंदर लगभग 30 अलग-अलग बाजारों की एक विरासत में जी रहे थे। मौजूदा परिवेश में हम विविध प्रकार के राज्यस्तरीय करों और लगभग 20 प्रतिशत दर के करारोपण के भारी बोझ तले दबे हुए थे। जीएसटी की ये नई दरें यह सुनिश्चित करेंगी कि भारत 18 प्रतिशत के आसपास की संभावित कर दर के साथ एक समान बाजार के रूप में उभरे, जहां न दोहरा कराधान हो और न ही कई करारोपणों का व्यापक प्रभाव हो।”
अनुपम सिंक्स लिमिटेड के निदेशक राजेन्द्र गर्ग ने कहा, “एक उत्पादन इकाई होने के नाते, जीएसटी की ये नई दरें संचालन दक्षता को बढ़ाएंगी, लागत की बचत को बढ़ाएंगी और उत्पादों को ज्यादा प्रतियोगी बनाएंगी। यह हमारे व्यापार के तरीकों को सरल करने में काफी हद तक मदद करेंगी और ‘भारत में आसानी से व्यापार करना’ के सरकार के उपक्रम को तेज करेंगी।”
आरएसजे लेक्सिस प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक गौरव जैन ने कहा, “जीएसटी परिषद द्वारा इन दरों का निर्धारण एकल कर को लागू करने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा, जो विभिन्न राज्य और केन्द्रीय करारोपणों को प्रतिस्थापित करेंगी और उत्पादों व सेवाओं के लिए एक समेकित राष्ट्रीय बाजार का निर्माण करेंगी। जीएसटी की ये नई दरें निश्चित तौर पर देश की अर्थव्यवस्था के विकास के लिए बेहद अच्छी साबित होंगी।”