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लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर मंडरा रहा खतरा, इस मामले में अर्नब गोस्वामी हुए गिरफ्तार

9292e896 cc64 431d 846f 24bd1e71aee6 लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर मंडरा रहा खतरा, इस मामले में अर्नब गोस्वामी हुए गिरफ्तार

मुबंई। लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहे जाने वाला मीडिया इस समय डगमगा रहा है। पिछले कुछ दिनों से मीडिया की नकारात्मक गतिविधियां देखने को मिल रही हैं। जिसके चलते आज रिपब्लिक टीवी के फाउंडर व देखरेख करने वाले अर्नब गोस्वामी को रायगढ़ पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में गिरफ्तार कर लिया है। वहीं अर्नब गोस्वामी ने मुबंई पुलिस पर आरोप लगाया है कि उन्होंने मेरे साथ मारपीट और बदसलूकी की है। तड़के सुबह साढ़े 6 बजे रायगढ़ पुलिस और मुम्बई पुलिस की एक टीम अर्नब गोस्वामी के घर पहुंची और हिरासत में लिया। अर्नब को घर से हिरासत में लेकर स्थानीय NM जोशी मार्ग पुलिस स्टेशन में कागज़ी कार्यवाही पूरा करने की जिम्मेदारी एनकाउंटर स्पेसलिस्ट सचिन वज़े को सौंपी गई थी। हिरासत में लिए गए पत्रकार अर्नब गोस्वामी को आज अलीबाग के कोर्ट में पेश किया जाएगा। आत्महत्या करने के लिए उकसाने वाला मामला सन् 2018 का है। रिपब्लिक के टीवी स्टूडियों और दफ्तर मेें काम कराने के बाद पैसे नहीं दिए थे। जिसके चलते आर्थिक तंगी के कारण अन्वय नाइक और उनकी मां कुमुद नाइक ने आत्महत्या कर ली थी।

इस केस में हुए गिरफ्तार-

बता दें कि आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला मई 2018 का है। जब 53 साल के अन्वय नाइक और उनकी मां कुमुद नाइक ने अलीबाग के अपने बंगले में खुदकुशी कर ली थी. खुदकुशी के लिए अन्वय नाइक ने एक पत्र में 3 लोगों को जिम्मेदार ठहराया था। अन्वय के सुसाइड पत्र के मुताबिक अर्नब गोस्वामी, फिरोज शेख और नितैश सारडा को जिम्मेदार बताते हुए लिखा था कि मेरे मेहनताने के 5 करोड़ 40 लाख रुपए नहीं मिले, जिसकी वजह से कर्ज में डूबा हूं। अन्वय नाइक कॉन्कर्ड डिज़ाइन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर थे। अन्वय की मां, कुमुद नाईक भी कंपनी में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में थीं। कॉन्कर्ड डिज़ाइन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने रिपब्लिक टीवी के स्टूडियो और दफ्तर के डिज़ाइन का काम किया था। अन्वय नाइक की पत्नी के मुताबिक, इस काम के बदले कॉन्कर्ड डिज़ाइन कंपनी ने जो बिल दिया था, उसका भुगतान रिपब्लिक टीवी ने नहीं किया। अन्वय के सुसाइड नोट के मुताबिक 5 करोड़ 40 लाख रुपए का भुगतान नहीं करने से उन्हें आर्थिक नुकसान हुआ और आर्थिक तंगी की हालत हो गई। उस वक़्त रिपब्लिक टीवी ने यह स्पष्ट किया था कि कॉन्कर्ड डिज़ाइन के साथ हुए करार के मुताबिक उन्हें पूरा भुगतान किया गया था।

बेटी अदन्या नाइक की लिखित शिकायत पत्र पर शुरू हुई केस की जांच-

इस खुदकुशी के बाद अन्वय की पत्नी की शिकायत और सुसाइड नोट के आधार पर अलीबाग पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया था। पर्याप्त सबूत नहीं मिलने और आरोपों में तथ्य न मिलने से रायगढ़ पुलिस ने केस की क्लोजर रिपोर्ट फ़ाइल कर दी थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार किया था। मई 2020 में महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने अन्वय नाइक की बेटी अदन्या नाइक की लिखित शिकायत पत्र के आधार पर एक बार फिर केस की जांच शुरू करने के आदेश दिए और मामला क्राइम ब्रांच को सौंप दिया।

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