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सेना का कश्मीर में 2018 की सबसे बड़ी कार्रवाई, 13 आतंकी ढेर

09 सेना का कश्मीर में 2018 की सबसे बड़ी कार्रवाई, 13 आतंकी ढेर

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग और शोपियों जिलों में आतंकवादी संगठनों के खिलाफ सुरक्षा बलों ने ने बीते रविवार को आतंकवाद रोधी तीन अभियानों में 13 आतंकवादियों को मार गिराया गया। जबकि तीन जवान शहीद हो गए और चार नागरिकों को भी अपनी जान गवानी पड़ी। मारे गए आतंकवादियों में लेफ्टिनेंट उमर फयाज की नृशंस हत्या में शामिल आतंकवादी भी शामिल है। कश्मीर में आतंकवादी समूहों को एक बड़ा झटका देने वाले इन अभियानों को दोनों जिलो में शनिवार रात शुरू किया गया था और रविवार शाम तक जारी रहा। अधिकारियों ने बताया कि अनंतनाग जिले के दायलगाम में एक आतंकवादी मारा गया और एक अन्य को गिरफ्तार किया गया, जबकि द्रगाद में सात आतंकवादी मारे गए। शोपियां जिले के काचदुरू क्षेत्र में पांच आतंकवादियों को मार गिराया गया। 13 आतंकवादियों में से अब तक 11 की पहचान कर ली गई है और ये सभी स्थानीय हैं।

09 सेना का कश्मीर में 2018 की सबसे बड़ी कार्रवाई, 13 आतंकी ढेर

बता दें कि पुलिस के अनुसार काचदुरू में स्थानीय लोग समीर अहमद लोन का शव ले गए, जो कि हाल में हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हुआ था। परिवार ने बाद में पुलिस को सूचित किया कि उसे दफना दिया गया है। काचदुरू क्षेत्र में सेना के तीन जवान शहीद हो गए और तीन नागरिक भी मारे गये हैं जबकि एक अन्य नागरिक भी आतंकवादियों के हाथों मारा गया। इस नागरिक के घर ये आतंकवादी छिपे हुए थे। कानून एवं व्यवस्था की स्थिति और अलगाववादी संगठनों के बंद के आह्वान को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने श्रीनगर शहर के सात पुलिस थानों और दक्षिण कश्मीर के इलाकों में पाबंदियां लगाई हैं। इसके अलावा सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और यासीन मलिक समेत अलगाववादी नेताओं को नजरबंद किया गया है।

वहीं पुलिस ने बताया कि ऐहतियाती कदम के तौर पर कश्मीर के कई हिस्सों में इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी गई है। पुलिस महानिरीक्षक (कश्मीर क्षेत्र) एस पी पाणि ने बताया कि जम्मू कश्मीर पुलिस ने सेना और सीआरपीएफ के साथ मिलकर बहुत जबर्दस्त काम किया है। मारे गए आतंकवादियों में इश्फाक ठोकर, एहतेमद हुसैन और अकीब इकवाल शामिल है जो कि शोपियां क्षेत्र में कई आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त थे।

साथ ही शीर्ष पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘मैं दायलगाम मुठभेड़ का खास जिक्र करना चाहूंगा जहां हमारे एसएसपी ने एक विशेष प्रयास किया, जैसा दुनिया में कहीं भी सुनने को नहीं मिलता है।’’ डीजीपी ने कहा, ‘‘उन्होंने (एसएसपी ने) एक आतंकवादी के परिजन को फोन किया। उन्होंने उससे 30 मिनट तक बात की, ताकि उसे आत्मसमर्पण करने के लिए राजी किया जा सके।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्यवश, उसने अपने परिजन की सलाह नहीं मानी।

बता दें कि बातचीत के दौरान जिला एसएसपी ने उसे समझाने की कोशिश की। लेकिन उसने पुलिस पर फायरिंग कर दी, जिसके बाद पुलिस के पास जवाबी कार्रवाई के सिवाय और कोई चारा नहीं था। वह मारा गया। एक अन्य जीवित पकड़ा गया।’’ काचदुरू में चल रही मुठभेड़ पर डीजीपी ने कहा कि वहां चार-पांच आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना थी, लेकिन ‘‘हम मलबे के साफ होने के बाद ही सही तस्वीर बता पाएंगे।’’ पुलिस प्रमुख ने बताया कि द्रगाद में हुई मुठभेड़ में मारे गए सभी सात आतंकवादी स्थानीय निवासी थे और उनके परिवारों ने उनके शव मांगे हैं।

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