नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में जारी रायसीना डायलॉग कार्यक्रम के दूसरे दिन सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा कि आतंकवादियों के पास अब कई तरह की तकनीके आ गई हैं और वो अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर उच्च स्तर की तकनीक का इस्तेमाल करने लगे हैं। सेना प्रमुख ने कहा कि हमे इंटरनेट और सोशल मीडिया पर निगरानी रखने और नियंत्रण बनाए रखने की जरुरत है क्योंकि आतंकवादी संगठन हमेशा से इसका इस्तेमाल करते रहे हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि एक लोकतांत्रिक राष्ट्र में इस तरह का कार्य करना सही नहीं होगा, लेकिन हमें आतंकवाद से बचने के लिए सुरक्षित और सही माहौल बनाना होगा, जिसके लिए हमें ऐसा करने की दरकार है। आपको बता दें कि सेना प्रमुख बिपिन रावत इन दिनों सीमापार आंतकवाद के लिए लगातार सजगता बरतने की बात कर रहे हैं और ये आगाह कर रहे हैं कि आतंकी अब ज्यादा अत्याधुनिक हो गए और उन्हें उन्हीं के अंदाज में जवाब दिए जाने की जरुरत है।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद पर लगाम कसने के लिए इंटरनेट और सोशल मीडिया पर नियंत्रण लगाया जाना जरुरी है। रायसीना में सुझाव देते हुए रावत ने कहा कि आतंकवादी ऐसी तकनीक इस्तेमाल करने लगे हैं, जोकि उच्च गुणवत्ता के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर लगाए गए हैं इसलिए हमें आतंकवादियों और उनके स्पॉनसर्स को नष्ट करना होगा। सेना प्रमुख ने आगे कहा कि आतंकियों तक न्यूक्लियर और केमिकल हथियारों की पहुंच मानवता के लिए खतरनाक है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद लड़ाई का नया स्वरुप नहीं है, इन पर हर हाल में रोक लगानी होगी।
गौरतलब है कि इससे पहले इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 3 दिवसीय रायसीना डायलॉग में हिस्सा लिया था।कार्यक्रम में नेतन्याहू ने कहा कि आज की तारीख में ताकतवर होना बहुत जरूरी है क्योंकि इस दुनिया में कमजोर का बचा रह पाना बहुत मुश्किल है। आप हमेशा ताकतवर के साथ हाथ मिलाते हैं और अगर आपको दुनिया में शांति कायम करनी है तो भी आपको ताकतवर होना पड़ेगा। वहीं इस दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी रायसीना डायलॉग को संबोधित किया करते हुए कहा था कि इजरायली पीएम का ये भारत दौरा दोनों देशों के 25 सालों के आपसी कूटनीतिक संबंधों के मौके पर हुआ है।