नई दिल्ली। आजकल शादी शुदा जिन्दगी में कई बार कई ऐसे मोड़ आते हैं कि आप अपने आपको ठगा महसूस करते हैं। या फिर आपके पीठ पीछे आपकी हम सफर किसी ओर की बन जाती है। आपको इस बात की खबर जब दूसरों से मिलती है तो आपके पैरों के नीचे से जमीन सरक जाती है। रिश्तों के इस नाजुक मोड़ में ऐसा ड्रामा होता है, कि इंसान का खुद पर ही काबू रख पाना मुश्किल हो जाता है। इस हालत में कभी कभी इंसान से अपराध हो जाता है।
शादीशुदा जिन्दगी में अवैध संबंधों के मामले दिन ब दिन बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में एक सवाल उठाना लाजिमी होता है कि आखिर पति की मौजूदगी में पत्नियां कैसे दूसरे मर्द से रिश्ता रखने के बारे में सोच लेती हैं। आखिर वो कौन से कारण या हालात होंगे जो ये कदम उठाने के लिए उनको प्रेरित कर देते हैं।
रिश्तों में समय ना देना
शादीशुदा जिन्दगी का मतलब के एक दूसरे के लिए समय देना। हम कई बार अपनी जरूरतों के हिसाब से समय देते हैं। हम ये सोच नहीं पाते कि दूसरे की भी हमसे कुछ अपेक्षाएं होंगी। जब ये अपेक्षाएं पूरी नहीं होती तो इनको पूरा करने और अपनी जिन्दगी का एकाकीपन दूर करने के लिए शादीशुदा महिलाएं किसी का सहारा लेती हैं।
अधिक महत्वाकांक्षाएं
कुछ महिलाओं की चाहत कुछ अलग होती है। जैसे कि आरामदायक जिन्दगी के साथ सारे ऐश और आराम की लाइफ, लेकिन अपने पति की कमाई में ये जिन्दगी वो नहीं जी पाती हैं। ऐसे हालात में वो ऐसा सहारा ढूंढती हैं, जहां उनकी ये सभी ख्वाइशें पूरी हो सकें। नया साथी उनके लिए दुनियां के सारे सुख लाकर दे सके।
शारीरिक संतुष्टि ना मिलना
कई बार पति से कई महिलाओं को शारीरिक संतुष्टि नहीं मिल पाती है। बिस्तर पर संतुष्टि ना मिलने की वजह कई बार पति की कमजोरी भी होती है। जिसके कारण वह अपनी शारीरिक जरूरतों के लिए बाहर का सहारा देखती हैं। क्योंकि इस सुख का आभाव उनके टीसता है, पति को तो वो सुख दे देती हैं, लेकिन अपने सुख के लिए तरसती रहती हैं।