इंफाल। मणिपुर में लागू विवादित सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (अफस्पा) को हटाने की मांग को लेकर इंफाल पश्चिम जिले में आमरण अनशन पर बैठी मासिक पत्रिका ‘वूमेन एंड क्राइम जर्नल’ की संपादक आरमबाम रोबिता को पुलिस ने शनिवार को हिरासत में ले लिया। रोबिता ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने अफस्पा को हटाने की मांग को लेकर इरोम शर्मिला की तरह ही आमरण अनशन करने का फैसला किया है। इरोम ने चार नवंबर, 2000 को अनशन शुरू किया था, जिसे उन्होंने बीते नौ अगस्त को खत्म कर दिया।
अधिकांश गैर सरकारी संगठनों, महिला संगठनों तथा कार्यकर्ताओं ने उनकी दो बेटियों का वास्ता देकर उनसे अनशन न करने की अपील की थी। साथ ही उनके पति अरबाम हेरा ने भी इस फैसले का विरोध किया था। तमाम लोगों के अनुरोध के बावजूद, रोबिता ने कांचीपुर में मणिपुर विश्वविद्यालय के सामने स्थित अपने कार्यालय के भूतल पर अनशन शुरू कर दिया।
सूत्रों ने कहा कि जिला पुलिस को उन्हें हिरासत में लेने को कहा गया। रोबिता लेखिका भी हैं, जिन्हें राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं। नागा विद्रोहियों से निपटने के लिए पहाड़ी इलाकों में अफस्पा को काफी पहले लागू किया गया था। आठ नवंबर, 1980 को इसे घाटी के इलाकों में लागू कर दिया गया। शर्मिला के लंबे अनशन के बावजूद यह कानून मणिपुर में लागू है।