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फिर खराब हो गई दिल्ली की हवा! पढ़िये आज का AQI

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जैसे-जैसे मौसम का मिजाज हलका ठंडा होने लगा है यानि जैसे-जैसे सर्दी का मौसम नजदीक आने लगा है, वैसे-वैसे दिल्ली में प्रदूषण का स्तर में बढ़ता जा रहा है. दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा लगातार खराब होती जा रही है.
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति यानि DPCC ने शुक्रवार को राजधानी की आबोहवा का सूचकांक जारी किया है और ये बेहद ही चिंताजनक है. दिल्ली में शुक्रवार सुबह 7 बजे प्रदूषण का स्तर 360 है. आसमान में धुआं छाया रहा. शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर जहरीले धुंध की चादर में लिपटा हुआ है. आज तो कई इलाकों में धुंध इतनी ज्यादा थी कि पास की चीजें भी नजर नहीं आ रही थीं. ये मौसम सांस की बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए कतई भी अनुकूल नहीं है.

दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमेटी द्वारा जारी AQI
रोहिणी- 391
द्वारका-390
आनंद विहार-387
आरके पुरम- 333

हर साल इस मौसम में दिल्ली धुंध की चादर से ढक जाती है. वहां प्रदूषण का लेवल इतना बढ़ जाता है कि लोगों को घर से बाहर निकलने के लिए मास्क लगाने की सलाह दी जाती है. अभी पिछले दिनों ही केजरीवाल सरकार ने डीजल और पेट्रोल वाले जेनरेटर सेट के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है.

क्यों इसी मौसम में प्रदूषित हो जाती है दिल्ली?
इस सीजन में जब भी प्रदूषण की बात होती है तो चर्चा का केंद्र पराली बन जाती है.हालांकि, हाल ही में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि प्रदूषण में पराली की हिस्सेदारी महज 4 फीसदी है.आमतौर पर अक्टूबर में उत्तर पश्चिम भारत में मानसून की वापसी का वक्त होता है. जानकारी के मुताबिक, मानसून के दौरान, हवा की दिशा पूर्व में होती है यानी पुरवैया चलती है. बंगाली की खाड़ी के ऊपर से चलने वाली ये हवाएं देश के इस हिस्से में बारिश और नमी लाती हैं. लेकिन जब मानसून खत्म हो जाता है तो हवाओं की दिशा उत्तर की तरफ हो जाती है. वहीं, गर्मी के दौरान हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम की ओर होती है जो राजस्थान और कभी-कभी पाकिस्तान और अफगानिस्तान से धूल उड़ाकर लाती है.सर्दियों में दिल्ली में 72 फीसदी हवाएं उत्तर-पश्चिम से आती हैं, जबकि बाकी 28 फीसदी इंडो-गंगा यानी उत्तरी मैदानी इलाकों से आती हैं. यानी इस सीजन में दिल्ली में ज्यादातर हवा धूल वाले इलाकों से आती हैं. हवा की दिशा में बदलाव के अलावा तापमान में गिरावट भी प्रदूषण के स्तर को बढ़ाने का काम करती है. धूल और वाहनों से होने वाला प्रदूषण भी दिल्ली में सर्दियों के दौरान हवा की क्वालिटी को खराब करता है. ड्राई कोल्ड यानी शुष्क ठंड के दौरान धूल पूरे इलाके में फैल जाती है. क्योंकि इस दौरान आमतौर पर बारिश नहीं होती है इसलिए धूल का प्रभाव कम नहीं हो पाता है.

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